वन्यजीव को पालना चाहते हैं, सजा हो सकती है- जानिये नियम

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 28 Mar, 2023

वन्यजीव अधिनियम

यह अधिनियम देश के जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों की प्रजातियों के संरक्षण का प्रावधान करता है और कई पशु प्रजातियों के शिकार पर प्रतिबंध लगाता है. इस अधिनियम ने पशुओं को 6 अनुसूचियों में विभाजित किया है.

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अनुसूची 1 और 2

अनुसूची 1 में बाघ, ब्लू व्हेल, डॉल्फिन, चीता, तेंदुआ आदि और अनुसूची 2 में काला भालू, भारतीय कोबरा, किंग कोबरा और सियार जैसे जानवर शामिल हैं, जिन्हें उच्च सुरक्षा दी जाती है और भारत में इनका शिकार व व्यापार प्रतिबंधित है.

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अनुसूची 3 और 4

अनुसूची 3 और 4 के जानवरों में लकड़बग्घा, नीलगाय, बाज, किंगफिशर आदि शामिल हैं, जिनकी आबादी खतरे में नहीं है परन्तु उनका शिकार प्रतिबंधित है.

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अनुसूची 5 और 6

अनुसूची 5 में ऐसे जानवर हैं जिनका शिकार किया जा सकता है, जैसे की चूहे, आम कौवे और उड़ने वाली लोमड़ी हैं. अनुसूची 6 में वे पौधों है जिनकी खेती, बिक्री या स्वामित्व नहीं किया जा सकता है.

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अधिनियम के तहत शिकार

शिकार एक व्यापक शब्द है, और इसमें न केवल मारना बल्कि किसी जंगली या बंदी जानवर को बंदी बना कर रखना, पकड़ना, भगाना, फँसाना या चारा डाल के फंसना या ऐसा करने का हर प्रयास शामिल है.

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शिकार के क्या प्रावधान हैं?

वन्यजीव अधिनियम की धारा 9 के अनुसार अनुसूची 1,2,3,4 और 5 में उल्लिखित जानवरों का शिकार प्रतिबंधित है. हालांकि अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत कुछ मामलों में इसकी अनुमति है.

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आत्मरक्षा में जंगली जानवर को मारना

कोई भी व्यक्ति जो आत्मरक्षा में अपने या किसी अन्य व्यक्ति के जीवन की रक्षा के लिए कार्य करता है और ऐसा करने में जंगली जानवर को मारता है या घायल करता है, तो वह किसी भी सजा के लिए उत्तरदायी नहीं होगा.

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जानवर को "बंदी" रखने के खिलाफ प्रावधान?

वन अधिकारी और पुलिस किसी भी वाहन को रोक सकते हैं और उसकी तलाशी ले सकते हैं. जिनके पास लाइसेंस है, केवल वे ऐसे जानवर रख सकते हैं, जिन्हें वन अधिकारियों द्वारा अनुमोदित और सत्यापित किया जाएगा.

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अधिनियम के तहत दंड

कोई भी व्यक्ति जो इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान या नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे दोषी ठहराए जाने के बाद तीन साल तक की कैद या 25000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

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बाघ, चीता या कोवरा के प्रति अपराध

अनुसूची 1 या 2 के भाग 2 में उल्लिखित जानवरों के खिलाफ कोई भी अपराध करने पर, कम से कम 3 साल और अधिकतम सात साल तक के कारावास से दंडित किया जा सकता है, और दस हज़ार से अधिक जुर्माना हो सकता है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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