भारतीय संविधान के तहत, देश में इमरजेंसी या आपातकाल की स्थिति तब आती है जब या तो सरकार को देश के अंतर्गत विद्रोह, बाहरी आक्रमण या फिर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है
Image Credit: my-lord.inआपातकाल की स्थिति में केंद्र सरकार देश को इस स्थिति से बाहर निकालने के प्रयासों के तहत उन सभी प्राधिकरणों पर अधिकार प्राप्त हो जाता है जो देश के लिए निर्णय लेने के लिए सशक्त होते हैं
Image Credit: my-lord.inभारतीय संविधान के अनुच्छेद 360(1) के तहत, अगर राष्ट्रपति को ऐसा लगता है कि देश की वित्तीय स्थिरता या देश के क्रेडिट को खतरा है, तो वो वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं
Image Credit: my-lord.inसंविधान के अनुच्छेद 360(2) के तहत राष्ट्रपति की इस वित्तीय आपातकाल की घोषणा को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखना होगा और उनकी स्वीकृति जरूरी है। वित्तीय आपातकाल के जारी किये जाने के दो महीने के अंदर अगर इसे संसद के दोनों सदन मंजूरी दे देते हैं, तो इसे तब तक जारी रखा जा सकता है, जब तक इसे निरस्त नहीं किया जाता है
Image Credit: my-lord.inदेश में यदि वित्तीय आपातकाल घोषित हो जाता है, तो उससे केंद्र को यह शक्ति मिलती है कि वो राज्यों को अपनी योजनाओं के आधार पर वित्तीय आदेश दें। देश के राष्ट्रपति ऐसे हालात में राज्यों को सरकारी अधिकारियों के वेतन (Salary) और भत्ते (Allowances) को सीमित करने का आदेश दे सकते हैं
Image Credit: my-lord.inराष्ट्रपति विधान सभा से आने वाले मनी बिल और दूसरे वित्तीय विधेयक (Bills) को रिजर्व कर सकते हैं और वो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज समेत अन्य केंद्र सरकार के अधिकारियों के वेतन और भत्ते को भी कम कर सकते हैं
Image Credit: my-lord.inपहली, 1991 का भारतीय आर्थिक संकट है जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था का हाल बहुत खराब था। इस दौरान रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही थी और एक्सचेंज रेट पर भी इसका असर साफ नजर आ रहा था। ऐसे समय में भी भारत ने खुद को संभाला और वित्तीय आपातकाल से देश को बचा लिया
Image Credit: my-lord.inपहली, 1991 का भारतीय आर्थिक संकट है जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था का हाल बहुत खराब था। इस दौरान रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही थी और एक्सचेंज रेट पर भी इसका असर साफ नजर आ रहा था। ऐसे समय में भी भारत ने खुद को संभाला और वित्तीय आपातकाल से देश को बचा लिया
Image Credit: my-lord.inदूसरी स्थिति वैश्विक बीमारी कोविड19 का समय था जब लॉकडाउन के चलते ऐसा लग रहा था कि देश में वित्तीय आपातकाल घोषित कर दिया जाना चाहिए; इसके लिए सेंटर फोर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज (CASC) ने एक जनहित याचिका भी दायर की लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया था
Image Credit: my-lord.inबुरी से बुरी स्थितियों में देश ने खुद को संभाला है और इसलिए आज तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल घोषित नहीं किया गया है
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