पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2013 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला से सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को अदालत ने दोषी घोषित करते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है
Image Credit: my-lord.inमुजफ्फरनगर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अंजनी कुमार सिंह ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी महेशवीर और सिकंदर को सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिला से दुष्कर्म के आरोप में आईपीसी की धारा 376(2)(g), सामूहिक दुष्कर्म की धारा आईपीसी 376डी और आपराधिक धमकी के लिए आईपीसी की धारा 506 में दोषी मानते हुए सजा सुनाई गयी है
Image Credit: my-lord.inवर्ष 2013 में आपराधिक Criminal Law में किए गए संशोधन के बाद सांप्रदायिक हिंसा के दौरान दुष्कर्म की धारा 376(2)(g) में किसी को सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है
Image Credit: my-lord.inअदालत ने दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 376 डी के तहत 20 साल के कठोर कारावास के साथ 10000 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई है
Image Credit: my-lord.inवही आईपीसी की धारा 376(2)(g) के तहत 10 साल के कारावास की सजा के साथ 5000 का जुर्माने की सजा सुनाई है
Image Credit: my-lord.inतीसरी आईपीसी की धारा 506 के तहत 2 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, तीनो धाराओं में सुनाई गयी सजा एक साथ चलेगी जिसके चलते दोनों दोषियों को कुल 20 साल कठोर जेल की सजा सुनाई गयी है
Image Credit: my-lord.inगौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई में हो रही देरी के लिए पीड़िता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में डे टू डे हियरिंग के आदेश दिए थे
Image Credit: my-lord.in2013 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान 7 महिलाओं ने आरोप लगाया था कि दंगों के दौरान उनके साथ दुष्कर्म किया गया था, हालांकि 6 महिलाओं ने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली थी और केवल वर्तमान पीड़िता ने शिकायत वापस लेने से इंकार कर दिया था
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