Supreme Court की पहली सिटिंग- खास बातें

Ananya Srivastava

Image Credit: my-lord.in | 18 Jul, 2023

उच्चतम न्यायालय कब बना

26 जनवरी, 1950 को उच्चतम न्यायालय अस्तित्व में आया था लेकिन इसका उद्घाटन गणतंत्र दिवस के दो दिन बाद, 28 जनवरी, 1950 को हुआ था

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देश के पहले मुख्य न्यायाधीश थे इसका हिस्सा

पहली सिटिंग की शुरुआत सुबह 9:45 बजे हुई थी; देश के पहले मुख्य न्यायाधीश हरीलाल जे कानिया, न्यायाधीश सईद फज्ल अली, एम पतंजलि सास्त्री, मेहर चंद महाजन, बिजन कुमार मुखर्जी और एस आर दास ने सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में अपना स्थान ग्रहण किया था

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इन उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस भी शामिल

इलाहाबाद, बंबई, मद्रास, उड़ीसा, असम, नागपुर, पंजाब, सौराष्ट्र, पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ, मैसूर, हैदराबाद, मध्य भरत और त्रावणकोर-कोचीन के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल थे

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उद्घाटन हियरिंग में मेहमान

मेहमानों की सूची में देश के पहले अटॉर्नी जनरल एम सी सीतलवाड़ और बंबई, मद्रास, उत्तर प्रदेश, बिहार, पूरी पंजाब, उड़ीसा, मैसूर, हैदराबाद और मध्य भारत के एडवोकेट जनरल भी शामिल थे

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पहली सिटिंग में क्या हुआ?

पहली सिटिंग में सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के प्रकाशन और सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट में फेडरल कोर्ट के सभी अधिवक्ताओं और एजेंट्स के नाम शामिल करने की प्रक्रिया पर ध्यान दिया गया

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कैसे हुआ करती थी सुनवाई?

संविधान में सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और कुल मिलाकर सात उत्तरवर्ती न्यायाधीश होने का प्राविधान था और शुरुआती सालों में सभी न्यायाधीश एक साथ बैठकर मुकदमों की सुनवाई करते थे

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सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी खास बातें

क्या आप जानते हैं कि उन दिनों कोर्ट में सिर्फ सुबह दस बजे से 12 बजे तक और दिन में 2 बजे से शाम चार बजे तक काम होता था और कुल मिलाकर, सुप्रीम कोर्ट साल में सिर्फ 28 दिन बैठता था

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