सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को बैन क्यों किया है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 15 Feb, 2024

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सीजेआई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की.

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बेंच ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की जानकारी लोगों को होनी चाहिए.

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इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रकार का वचन पत्र है. पत्र में भुगतानकर्ता और प्राप्तकर्ता का विवरण होता है.ये बॉन्ड केवल अब तक एसबीआई (SBI) की चिन्हित शाखाओं में ही मिलता था.

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बेंच ने कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. इसे खरीदने वालों की सूची देने के निर्देश दिए हैं.

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अब SBI को तीन सप्ताह के अंदर इस जानकारी को चुनाव आयोग से साझा करने को कहा है.

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भारत का कोई भी नागरिक, कंपनी या संस्था इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीद सकता था. ये बॉन्ड एक हजार रूपये से लेकर एक करोड़ रूपये तक होते थे.

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चुनावी बॉन्ड से चंदा पाने के लिए राजनीतिक दलों को पिछली चुनाव में कुल वोट का एक प्रतिशत होना अनिवार्य शर्त थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर पूर्णत: रोक लगा दी है. पार्टियों को राजनैतिक चंदे पाने के लिए अन्य पारदर्शी तरीकों की खोज करने के निर्देश दिए है

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