दो या इससे ज्यादा व्यक्तियों के पब्लिक स्थान पर लड़ने से, सार्वजनिक शांति भंग होने पर, लड़ाई के दौरान मौजूद सभी व्यक्तियों के शामिल होने पर इसे दंगा माना जाता है.
Image Credit: my-lord.inहिंसक, झड़प या लड़ाई में किसी की जान जाये, नुकसान हो, कोई डर जाये या कोई समाज की शांति भंग करे तो ऐसे व्यक्तियों को IPC की धारा 159 और 160 के तहत दंडित किया जाता है.
Image Credit: my-lord.inदोष सिद्ध करने के लिए गवाही देने जाने की जरूरत नहीं है. उस घटना का public place पर होना ही काफी है, जहाँ शांति भंग हुई हो.
Image Credit: my-lord.inजब दो या दो से अधिक व्यक्ति लोकस्थान में लड़कर समाज की शांति भंग करते हैं तो उसे इस धारा के अनुसार दंगा कहा जाता है. सजा का प्रावधान
Image Credit: my-lord.inकिसी समाजिक जगह पर दंगा करने पर अपराधी को धारा 160 के तहत एक मास के लिए जेल हो सकती है या 100 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inयह एक जमानती और गैर शमनीय अपराध के साथ इसे संज्ञेय अपराध भी माना गया है और इसे किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा आजमाया जा सकता है और संक्षेप में विचारणीय है.
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