दंगे से दूर रहें, शामिल होने पर मिलती है कड़ी सजा

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 20 Feb, 2023

दंगे का मूल तत्व

दो या इससे ज्यादा व्यक्तियों के पब्लिक स्थान पर लड़ने से, सार्वजनिक शांति भंग होने पर, लड़ाई के दौरान मौजूद सभी व्यक्तियों के शामिल होने पर इसे दंगा माना जाता है.

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दंगा करने पर सजा

हिंसक, झड़प या लड़ाई में किसी की जान जाये, नुकसान हो, कोई डर जाये या कोई समाज की शांति भंग करे तो ऐसे व्यक्तियों को IPC की धारा 159 और 160 के तहत दंडित किया जाता है.

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दोष सिद्ध करना

दोष सिद्ध करने के लिए गवाही देने जाने की जरूरत नहीं है. उस घटना का public place पर होना ही काफी है, जहाँ शांति भंग हुई हो.

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IPC की धारा 159

जब दो या दो से अधिक व्यक्ति लोकस्थान में लड़कर समाज की शांति भंग करते हैं तो उसे इस धारा के अनुसार दंगा कहा जाता है. सजा का प्रावधान

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सजा का प्रावधान

किसी समाजिक जगह पर दंगा करने पर अपराधी को धारा 160 के तहत एक मास के लिए जेल हो सकती है या 100 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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संज्ञेय अपराध है दंगा

यह एक जमानती और गैर शमनीय अपराध के साथ इसे संज्ञेय अपराध भी माना गया है और इसे किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा आजमाया जा सकता है और संक्षेप में विचारणीय है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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