भारतीय रेलवे द्वारा महिलाओं और बच्चों को विशेष अधिकार

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 13 Mar, 2023

रेल अधिनियम 1989

इस अधिनियम के तहत रेल और रेल यात्रा से संबंधित तमाम नियमों और कानून का उल्लेख है और रेलवे संबंधित अपराध जैसे- बिना टिकट यात्रा करना और सजा के प्रावधान का विवरण है.

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अकेली महिला के लिए प्रावधान

इस अधिनियम की धारा 139 के अनुसार देश में अकेली या बच्चों के साथ अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं को विशेष अधिकार के तहत उसे रात में ट्रेन से उतारा नहीं जा सकता है.

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कहा उतारा जा सकता है

यदि रात में बिना टिकट महिला या बालक अकेले रेल यात्रा कर रहे हैं, तो उनकी यात्रा प्रारंभिक स्टेशन, किसी जंक्शन, टर्मिनल स्टेशन या सिविल जिले के मुख्यालय में स्थित स्टेशन पर केवल दिन में उतारा जा सकता है.

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​रेल पास या टिकट न हो

कोई रेल पास या टिकट हो या ना हो, तो भी कोई TTE रात में ट्रेन से महिला या बालक को उतरने या रेल की एक बोगी से किसी दूसरे बोगी में जाने का आदेश नहीं दे सकता है, जब तक कोई महिला कांस्टेबल साथ ना जाए.

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बच्चों के लिए कानून

अधिनियम की धारा 162 के अनुसार कोई लड़का जिसकी उम्र 12 साल से कम है वो महिला आरक्षित डिब्बे में यात्रा कर सकता है. और उन्हें कोई दूसरा यात्री या TTE नहीं उतार सकता है.

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पुरूषों के लिए सजा

धारा 162 के तहत अगर कोई पुरुष जानबूझकर किसी महिला डिब्बे में यात्रा करता है तो वह सजा का पात्र होगा और उसे पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है और ट्रेन से उतारा जा सकता है.

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