बीते कुछ सालों में देश में ट्रांसजेंडर से लेकर सेक्स वर्कर तक के लिए सामाजिक सोच में बड़ा बदलाव आया है. अब इसे लेकर दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अनूठा पहल किया गया है
Image Credit: my-lord.in13 मई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में देशभर की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया
Image Credit: my-lord.inराजधानी दिल्ली में भी दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिल्ली की करीब 351 अदालतों में लोक अदालत का आयोजन करते हुए 1 लाख 66 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण किया
Image Credit: my-lord.inदिल्ली प्राधिकरण देश का पहला ऐसा प्राधिकरण बन गया है जिसने राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठों में ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर से लेकर एसिड पीड़िताओं को सदस्यों के रूप में नियुक्त किया है
Image Credit: my-lord.inराष्ट्रीय लोक अदालत में प्राधिकरण के अधीन आने वाले जिलों की लोक अदालतों में इन ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर और एसिड पीड़ित सदस्यों ने जजों के साथ बैठकर मामलों की ना केवल सुनवाई की है, बल्कि आपसी समझाइश के जरिए सैकड़ों मुकदमों का निस्तारण भी किया है
Image Credit: my-lord.in9 ट्रांसजेडर के साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में एसिड अटैक की 15 पीड़िताओं ने भी अदालतों में सुनवाई की है
Image Credit: my-lord.inनई दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले की एक अदालत में सेक्स वर्कर सदस्य ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत गठित पीठ में जज के साथ बैठकर मुकदमों की सुनवाई की
Image Credit: my-lord.inयह पहल दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की प्रेरणा से की गयी है
Image Credit: my-lord.inदिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव और जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार गुप्ता ने इस पहल को लेकर कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल के प्रोत्साहन के बगैर यह संभव नहीं
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