समलैंगिक विवाहों का इन राज्यों ने किया विरोध

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 11 May, 2023

किन राज्यों ने किया विरोध

असम, आंध्र प्रदेश और राजस्थान राज्यों ने अपने केंद्र सरकार के पत्र के जवाब में अपने विचार व्यक्त करते हुए इस तरह के विवाह की वैधता का विरोध किया है

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आंध्र प्रदेश का जवाब

आंध्र प्रदेश राज्य ने अपने जवाब में कहा है कि उसने राज्य में विभिन्न धर्मों के धार्मिक प्रमुखों से परामर्श किया था, जिनमें से सभी ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दिए जाने का विरोध किया है

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राजस्थान का जवाब

राजस्थान राज्य ने अपने जवाब में कहा कि समलैंगिक विवाह सामाजिक ताने-बाने में असंतुलन पैदा करेगा, जिसके सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था के लिए दूरगामी परिणाम होंगे

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CJI ने क्या कहा

CJI ने कहा कि "एक अकेला व्यक्ति भी बच्चे को गोद ले सकता है. वह एकल यौन संबंध में हो सकता है.आप जैविक जन्म के लिए सक्षम होने पर भी गोद ले सकते हैं। जैविक जन्म लेने की कोई बाध्यता नहीं है”

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NCPCR ने क्या कहा

NCPCR की ओर से CJI की पीठ के समक्ष सुनवाई में कहा गया कि बच्चे का कल्याण सर्वोपरि है, विभिन्न कानूनों में कानूनी स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि यह कई निर्णयों में आयोजित किया गया है कि गोद लेना बच्चे का मौलिक अधिकार नहीं है

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CJI को अलग करने की मांग

समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता को लेकर लगातार सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट में CJI डी वाई चन्द्रचूड़ की संविधान पीठ से CJI चंद्रचूड़ को अलग करने की भी मांग की गयी है

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याचिका हुई खारिज

याचिकाकर्ता के इस अनुरोध का केन्द्र सरकार के सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने भी विरोध किया, जिसके बाद CJI डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया

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