'लिंग चुनने का अधिकार स्वतंत्रता के सबसे बुनियादी पहलुओं में से एक'

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 29 May, 2023

राजस्थान हाईकोर्ट में आया ये मामला

राजस्थान हाईकोर्ट में लिंग बदलने की बात से जुड़ा एक मामला सामने आया जिसमें एक शख्स ने अपना लिंग बदला है लेकिन उसके सर्विस रिकॉर्ड्स में यह बदलाव नहीं किया जा रहा है

Image Credit: my-lord.in

जानें क्या है यह केस

आपको बता दें कि मामला एक फीमेल पीटी इंस्ट्रक्टर का है जिन्होंने सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी करवाई और अब वो खुद को एक पुरुष मानते हैं

Image Credit: my-lord.in

जस्टिस अनूप कुमार धंद ने कही ये बात

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप कुमार धंद ने लिंग चुनने के अधिकार को आत्मनिर्णय, गरिमा और स्वतंत्रता के सबसे बुनियादी पहलुओं में से एक बताया है

Image Credit: my-lord.in

राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला

राजस्थान हाईकोर्ट का यह मानना है कि याचिकाकर्ता के पास यह अधिकार है कि वो खुद को पुरुष मान सकते हैं और ऐसे में, उनके सर्विस रिकॉर्ड में उनका नाम और लिंग जल्द से जल्द बदला जाना चाहिए.

Image Credit: my-lord.in

किस कानून में लिंग बदलने की बात

राजस्थान हाईकोर्ट ने 'ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019' का जिक्र किया है जिसके तहत एक व्यक्ति खुद को ट्रांसजेंडर की तरह पहचानने का अधिकार रखता है और साथ ही उनके पास यह हक भी है कि वो अपना जेंडर खुद चुन सकें

Image Credit: my-lord.in

याचिकाकर्ता के परिवार पर असर

कोर्ट ने यह भी कहा है कि क्योंकि याचिकाकर्ता लिंग बदलने के बाद शादी कर चुके हैं और उनके दो बच्चे भी हैं, यह काम और जल्दी होना चाहिए जिससे उनके परिवार को उनके अधिकार मिल सकें

Image Credit: my-lord.in

याचिकाकर्ता को कोर्ट का निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वो जिला अधिकारी को एक याचिका दें और साथ में ऑर्डर की कॉपी भी अटैच करें. जिला अधिकारी को याचिकाकर्ता जेंडर रीअसाइनमेंट को सत्यापित करना है और 60 दिनों के अंदर नाम और लिंग बदलवाना है

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: मुस्लिम दंपत्ति को इस एक्ट के तहत ही लेना होगा बच्चा गोद: कोर्ट

अगली वेब स्टोरी