किरायेदार को अचानक घर से निकालना इस कानून का उल्लंघन है

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 27 Apr, 2023

रेंट कंट्रोल एक्ट 1948

वर्ष 1948 में एक केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम पारित किया गया जो संपत्ति को किराए पर देने के लिए नियमों को नियंत्रित करता है. वर्तमान में, प्रत्येक राज्य का अपना अधिनियम है

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रेंट कंट्रोल एक्ट का उद्देश्य

अमान्य बेदखली के खिलाफ किरायेदार की रक्षा करना. मकान मालिक और किरायेदारों दोनो को एक दूसरे के अधिकारों का शोषण करने से बचाना

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बेदखली के लिए वाजिब कारण जरुरी

कानूनन मकान मालिक किराएदार को बिना वैलिड रीजन या रेंट एग्रीमेंट में तय समय से पहले घर से बेदखल नहीं कर सकते

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बेदखली के वैध आधार

वो आधार हैं किराए का भुगतान नहीं करना, संपत्ति की क्षति, किराए के समझौते का उल्लंघन, या अवैध गतिविधि

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आधार की जांच करें

अगर आपको बेवजह घर से निकाला जा रहा है तो इस बेदखली को रोकने के लिए प्रवर्तन निकायों से मदद ले सकते हैं

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स्थगन की मांग

अगर आप चाहे तो मकान मालिक से स्थगन की मांग कर पैसे चुका सकते हैं. यह स्थगन 14 दिनों का होता है

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निषेधाज्ञा का मुकदमा

अगर किसी किरायेदार को कोई ऐसी समस्या है जिसके कारण वह मकान खाली नहीं कर सकता है जैसे- मेडिकल इमरजेंसी या उसके बूढ़े माता-पिता, तो आप अदालत में निषेधाज्ञा का मुकदमा दायर कर सकते हैं

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रेंट कंट्रोलर की मदद लें

अगर आपके मकान मालिक ने आपको झूठे आधार पर बेदखली का नोटिस दिया है तो आप अपने अधिकार क्षेत्र के किराया नियंत्रक से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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