वर्ष 1948 में एक केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम पारित किया गया जो संपत्ति को किराए पर देने के लिए नियमों को नियंत्रित करता है. वर्तमान में, प्रत्येक राज्य का अपना अधिनियम है
Image Credit: my-lord.inअमान्य बेदखली के खिलाफ किरायेदार की रक्षा करना. मकान मालिक और किरायेदारों दोनो को एक दूसरे के अधिकारों का शोषण करने से बचाना
Image Credit: my-lord.inकानूनन मकान मालिक किराएदार को बिना वैलिड रीजन या रेंट एग्रीमेंट में तय समय से पहले घर से बेदखल नहीं कर सकते
Image Credit: my-lord.inवो आधार हैं किराए का भुगतान नहीं करना, संपत्ति की क्षति, किराए के समझौते का उल्लंघन, या अवैध गतिविधि
Image Credit: my-lord.inअगर आपको बेवजह घर से निकाला जा रहा है तो इस बेदखली को रोकने के लिए प्रवर्तन निकायों से मदद ले सकते हैं
Image Credit: my-lord.inअगर आप चाहे तो मकान मालिक से स्थगन की मांग कर पैसे चुका सकते हैं. यह स्थगन 14 दिनों का होता है
Image Credit: my-lord.inअगर किसी किरायेदार को कोई ऐसी समस्या है जिसके कारण वह मकान खाली नहीं कर सकता है जैसे- मेडिकल इमरजेंसी या उसके बूढ़े माता-पिता, तो आप अदालत में निषेधाज्ञा का मुकदमा दायर कर सकते हैं
Image Credit: my-lord.inअगर आपके मकान मालिक ने आपको झूठे आधार पर बेदखली का नोटिस दिया है तो आप अपने अधिकार क्षेत्र के किराया नियंत्रक से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं
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