देश में रेप को लेकर कई कानून हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि शवों के साथ 'शारीरिक संबंध बनाना' कानून के तहत एक दंडनीय अपराध नहीं है!
Image Credit: my-lord.inकर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र से मांग की है कि वो 'शवों से दुष्कर्म' को एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाने को लेकर कदम उठाएं
Image Credit: my-lord.inकर्नाटक उच्च न्यायालय ने केन्द्र से भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के संबंधित प्रावधानों में संशोधन करने या फिर शवों के साथ शारीरिक संबंध बनाने को एक अपराध घोषित करते हुए नए प्रावधान शामिल करने की बात कही है।
Image Credit: my-lord.inअदालत ने ऐसी अनुशंसा इसलिए की क्योंकि ‘दुष्कर्म’ के प्रावधानों में ऐसा कोई उपनियम नहीं है जिसके तहत शव के साथ शरीरिक संबंध बनाने के आरोपी को दोषी ठहराया जा सके
Image Credit: my-lord.inअदालत का यह कहना है कि ब्रिटेन और कनाडा सहित कई देशों का उदाहरण देते हुए जहां पार्थिव शरीर के साथ शारीरिक संबंध बनाना और शवों के साथ अपराध दंडनीय अपराध हैं, उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे प्रावधान भारत में भी लाए जाएं
Image Credit: my-lord.inकर्नाटक हाईकोर्ट में एक मामला सामने आया जिसमें आरोपी ने एक महिला की हत्या कर दी थी और फिर उसके शव के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे
Image Credit: my-lord.inअदालत ने इस मामले में IPC की धारा 302 के तहत आरोपी को कठोर उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
Image Credit: my-lord.inपीठ ने कहा ‘‘आरोपी ने शव के साथ शारीरिक संबंध बनाए। क्या यह IPC की धारा 375 अथवा 377 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है? धारा 375 तथा 377 का सावधानीपूर्वक अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि पार्थिव शरीर को मानव अथवा व्यक्ति नहीं माना जा सकता’’
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