कॉलेजों में सीनियर्स द्वारा जूनियर्स के साथ इंट्रोडक्शन के नाम पर किसी भी तरह के उत्पीड़न जैसे- नाचने, कपड़े उतारने या अन्य अनुचित बातें करना जिसे जूनियर्स अपमानित हो, इसे रैगिंग कहा जाता है.
Image Credit: my-lord.inरैगिंग के खिलाफ कोई राष्ट्रव्यापी अधिनियम नहीं है, लेकिन इसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित किया गया है और अपराध बताया गया है.
Image Credit: my-lord.inसभी राज्यों के इस बारे में अपने अलग अधिनियम हैं, प्राथमिक नियम, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 26 के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा बनाए गए हैं.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम के तहत किसी छात्र के बारे में कुछ बोलना, लिखना, उसे छेड़ने, अशिष्टता से पेश आना या जबरदस्ती नाचने, गाने को कहना जिससे, उस छात्र को शारीरिक या मनोवैज्ञानिक नुकसान हो उसे रैगिंग कहते है.
Image Credit: my-lord.inरैगिंग के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश, गैरकानूनी असेंबली, सार्वजनिक उपद्रव पैदा करना, शारीरिक चोट पहुंचाना, अवैध बंधी, ज़बरदस्ती वसूली करना आदि, UGC नियम के तहत रैगिंग के प्रकार हैं.
Image Credit: my-lord.inविश्वविद्यालयों प्रवेश प्रपत्रों में रैगिंग प्रतिबंधित होने का उल्लेख होना चाहिए, और प्रवेश लेने वाले छात्रों को एक अंडरटेकिंग भी भरनी होगी जिसमें यह लिखा होना चाहिए की रैगिंग प्रतिबंधित है.
Image Credit: my-lord.inनए छात्रों को पत्रक दिए जाने चाहिए कि रैगिंग का सामना करने पर वह किस से संपर्क करें, उस व्यक्ति का फोन नंबर होना चाहिए और उसमें उल्लेख हो कि छात्र कोई भी अनुचित मांग को पूरा ना करें.
Image Credit: my-lord.inरैगिंग रोकने के लिए UGC द्वारा बनाए गए नियमों के तहत जो कोई भी रैगिंग का दोषी पाया जाता है उसे कार्य की गंभीरता के आधार पर उसे दण्डित किया जायेगा.
Image Credit: my-lord.inरैगिंग के लिए छात्र को कक्षा से निलंबित, स्कालरशिप या परीक्षा के परिणाम पर रोक, परीक्षा देने पर प्रतिबंध, एडमिशन रद्द, चार सेमेस्टर (1-4) के लिए निलंबित, छात्रावास से निकलना, या जुर्माना लगाया जा सकता है.
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