Patna High Court का जाति आधारित गणना पर इंकार, याचिका खारिज

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 09 May, 2023

बिहार सरकार की ओर से दायर की गयी थी याचिका

जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई को लेकर दायर की गई बिहार सरकार की ओर से याचिका को खारिज कर दिया गया

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जल्द सुनवाई की अपील

इस याचिका के जरिए बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर लगी रोक के मामले में जल्द सुनवाई की अपील की थी

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4 मई को जातीय जनगणना पर लगी थी रोक

हाई कोर्ट ने 4 मई को जातीय जनगणना पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई 2023 की तारीख तय की थी

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हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज

सरकार की दलीले सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया

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जाति आधारित गणना पर रोक बरकरार

याचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले पर हाईकोर्ट में 3 जुलाई 2023 को ही सुनवाई होगी. साथ ही राज्य में अभी जाति आधारित गणना पर लगी रोक भी बरकरार रहेगी

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500 करोड़ रुपये खर्च

जाति आधारित गणना का 80% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और 500 करोड़ रुपये भी जारी किए जा चुके हैं

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जिलाधिकारी को गणना के लिए 50 हजार रुपए

सरकार ने गणना करने वाले को 7500 रुपए एक मुश्त राशि, मोबाइल के लिए 2500 रुपए की राशि अलग से और जिलाधिकारी को गणना के लिए 50 हजार रुपए का मानदेय तय किया गया है

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ट्रेनिंग में भी हुआ खर्च

सर्वेक्षण के लिए कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई. जिला, प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण लेने वाले कर्मियों के लिए लंच,पानी,चाय आदि पर अधिकतम 150 रुपए प्रति गणक खर्च किए गए, जिला स्तर पर 40 कर्मियों का बैच बनाकर ट्रेनिंग, हर बैच के लिए अधिक से अधिक 3 हजार रुपए खर्च किए गए

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