जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई को लेकर दायर की गई बिहार सरकार की ओर से याचिका को खारिज कर दिया गया
Image Credit: my-lord.inइस याचिका के जरिए बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर लगी रोक के मामले में जल्द सुनवाई की अपील की थी
Image Credit: my-lord.inहाई कोर्ट ने 4 मई को जातीय जनगणना पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई 2023 की तारीख तय की थी
Image Credit: my-lord.inसरकार की दलीले सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में जल्दी सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया
Image Credit: my-lord.inयाचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले पर हाईकोर्ट में 3 जुलाई 2023 को ही सुनवाई होगी. साथ ही राज्य में अभी जाति आधारित गणना पर लगी रोक भी बरकरार रहेगी
Image Credit: my-lord.inजाति आधारित गणना का 80% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और 500 करोड़ रुपये भी जारी किए जा चुके हैं
Image Credit: my-lord.inसरकार ने गणना करने वाले को 7500 रुपए एक मुश्त राशि, मोबाइल के लिए 2500 रुपए की राशि अलग से और जिलाधिकारी को गणना के लिए 50 हजार रुपए का मानदेय तय किया गया है
Image Credit: my-lord.inसर्वेक्षण के लिए कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई. जिला, प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण लेने वाले कर्मियों के लिए लंच,पानी,चाय आदि पर अधिकतम 150 रुपए प्रति गणक खर्च किए गए, जिला स्तर पर 40 कर्मियों का बैच बनाकर ट्रेनिंग, हर बैच के लिए अधिक से अधिक 3 हजार रुपए खर्च किए गए
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