'गन लाइसेंस' वो दस्तावेज है जो एक शख्स को एक बंदूक को खरीदने, उसको रखने, उसका मालिक होने या उसे लेकर चलने की अनुमति प्रदान करता है
Image Credit: my-lord.inआयुध अधिनियम या शस्त्र अधिनियम, 1959' (The Arms Act, 1959) और 'शस्त्र नियम, 1962' (The Arms Rules, 1962) वो दो भारतीय कानून हैं जिनमें गन लाइसेंस के बारे में बताया गया है
Image Credit: my-lord.inशस्त्र अधिनियम और शस्त्र नियमों के तहत दो तरह की बंदूकों के लिए गन लाइसेंस होते हैं, एक 'नॉन-प्रोहिबिटेड बोर' (NPB) और दूसरा है 'प्रोहिबिटेड बोर' (PB)
Image Credit: my-lord.inपीबी हथियारों का लाइसेंस सिर्फ रक्षा कर्मियों को मिलता है; सभी सेमी-ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक हथियार 'प्रोहिबिटेड बोर' श्रेणी में आते हैं
Image Credit: my-lord.inसबसे पहले आपको गन लाइसेंस के लिए एक आवेदन पत्र जमा करना होगा जिसे आप अपने राज्य के जिला पुलिस अधीक्षक (District Superintendent of Police) से पा सकते हैं
Image Credit: my-lord.inआवेदन पत्र जमा करने के बाद पुलिस आपका नाम-पता आदि चेक करेगी और यह जांच भी करेगी कि आपका कभी कोई आपराधिक आचरण (criminal conduct) तो नहीं रहा है
Image Credit: my-lord.inएलीजिबिलिटी क्राइटीरिया को लेकर अपनी सभी शंकाओं को सूर करने के बाद डीसीपी आपका इंटरव्यू लेते हैं जिससे वह यह पता लगा सकें कि आप मानसिक रूप से सही हैं या नहीं और फिर आपको गन लाइसेंस मिल जाता है
Image Credit: my-lord.inहर तीन साल पर आपको अपना गन लाइसेंस रिन्यू करवाना होगा; लाइसेंस इक्स्पायर होने के एक महीने के अंदर आपको डीएम को एक लिखित आवेदन पत्र देना होगा
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