मद्रास बार एसोसिएशन ने की 'छुआछूत', देना पड़ा मुआवजा

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 23 Jun, 2023

मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

2012 के एक मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने बार एसोसिएशन को निर्देश दिया है कि उन्हें 'छुआछूत' करने की वजह से लाखों रुपये का मुआवजा देना पड़ेगा

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MBA ने किया ये काम

मद्रास बार एसोसिएशन (MBA) के एक सदस्य ने 2012 में, एक वरिष्ठ अधिवक्ता के बेटे को एसोसिएशन के ऑफिस से पानी नहीं पीने दिया

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पानी न पीने देना पड़ा महंगा!

बता दें कि एमबीए के सदस्य ने वरिष्ठ अधिवक्ता के बेटे को, जो खुद एक जूनियर लॉइअर थे, इसलिए पानी नहीं पीने दिया क्योंकि वो मद्रास बार एसोसिएशन के सदस्य नहीं थे

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अदालत ने दिया इसे 'छुआछूत' का नाम

बता दें कि 2012 में घटित इस घटना पर फैसला सुनाते समय मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस सुब्रमणियम ने कहा है कि इस तरह पानी न पीने देना 'छुआछूत' का ही एक प्रकार है और यह गलत है

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अदालत का फैसला

मद्रास उच्च न्यायालय का यह कहना है कि क्योंकि बार एसोसिएशन का कार्यालय कोर्ट परिसर के अंदर है, वो इस तरह आधारभूत सुविधा के इस्तेमाल को लेकर भेदभाव नहीं कर सकते हैं

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याचिकाकर्ता के बेटे का देहांत

बार एसोसिएशन ने केस खत्म करने के लिए कहा कि याचिकाकर्ता के बेटे, जिनके साथ यह मामला हुआ था, उनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है; इसपर अदालत ने बोला कि किसी के देहांत से सामाजिक मुद्दे का अंत नहीं माना जा सकता है

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बार एसोसिएशन को देना होगा मुआवजा

अदालत ने मद्रास बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता पांडियन से कहा है कि उन्हें याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता एलीफेंट जी राजेन्द्रण को पांच लाख रुपये देने होंगे

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छुआछूत को लेकर कानून

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 में यह स्पष्ट किया गया है कि 'छुआछूत' समाप्त (Abolish) कर दिया गया है, किसी भी प्रकार से इसका अभ्यास करना निषेध है और इससे जुड़ी कोई भी गतिविधि करना एक दंडनीय अपराध है

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