भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कई तरह के साक्ष्यों और उनके महत्वों के बारे में बताया गया है, उन्हीं में से एक है Prima Facie Evidence (प्रथम दृष्टया सबूत). Prima Facie शब्द को लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका मतलब है "at first sight” or “at first appearance”
Image Credit: my-lord.inकिसी घटना स्थल पर पहली बार में जिसने जो तथ्य देखा और उसे देख कर जो लगा वही है Prima Facie Evidence, यानी पहली बार जो दिखा उसे साक्ष्य माना जा सकता है
Image Credit: my-lord.inइस तरह के मामलों में सबूत पेश करने का बोझ वादी (Plaintiff) पर होता है यानी जिसने किसी के खिलाफ वाद दायर किया है
Image Credit: my-lord.inसिविल केस में वादी प्रतिवादी के खिलाफ लगाए आरोप को सही साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाता, तो अदालत Prima Facie केस को मुकदमे में जाने से पहले ही खारिज कर देगी
Image Credit: my-lord.inअगर अदालत प्रथम दृष्टया सबूत को सही मानती है तो प्रतिवादी को मुकदमा जीतने और अपने खिलाफ लगे आरोप को गलत साबित करने के लिए सबूत पेश करना होगा
Image Credit: my-lord.inसिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 26 की उपधारा (1) के मुताबिक, प्रत्येक वाद को एक वादपत्र की प्रस्तुति द्वारा स्थापित किया जाएगा, और उसी धारा के उप-धारा (2) के अनुसार शपथ पत्र द्वारा तथ्यों को स्थापित किया जाना चाहिए
Image Credit: my-lord.inऐसे केस में अभियोजन पक्ष की जिम्मेदारी होती है Prima Facie Evidence पेश करे
Image Credit: my-lord.inगैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) , स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (एनडीपीएस), के तहत लगे आरोप में प्रतिवादी को 'प्रथम दृष्टया' अपनी बेगुनाही प्रदर्शित करनी पड़ती है
Image Credit: my-lord.inराजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय होना एक निर्णायक कार्रवाई है और शक्ति का महत्वपूर्ण अभ्यास भी है, लेकिन किसी व्यक्ति को बिना किसी प्रथम दृष्टया साक्ष्य के ट्रायल की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है
Image Credit: my-lord.inहाई कोर्ट ने ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) और 13(2) सहपठित IPC की धारा 120B के तहत एक मामले में एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के खिलाफ दायर याचिका पर एक फैसले में यह टिप्पणी की
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