Prima Facie Evidence का क़ानूनी महत्व

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 23 May, 2023

प्रथम दृष्टया सबूत

भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत कई तरह के साक्ष्यों और उनके महत्वों के बारे में बताया गया है, उन्हीं में से एक है Prima Facie Evidence (प्रथम दृष्टया सबूत). Prima Facie शब्द को लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका मतलब है "at first sight” or “at first appearance”

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क्या है प्रथम दृष्टया सबूत

किसी घटना स्थल पर पहली बार में जिसने जो तथ्य देखा और उसे देख कर जो लगा वही है Prima Facie Evidence, यानी पहली बार जो दिखा उसे साक्ष्य माना जा सकता है

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सिविल केस में प्रथम दृष्टया सबूत

इस तरह के मामलों में सबूत पेश करने का बोझ वादी (Plaintiff) पर होता है यानी जिसने किसी के खिलाफ वाद दायर किया है

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अदालत ऐसे सबूत को कर सकती है खारिज

सिविल केस में वादी प्रतिवादी के खिलाफ लगाए आरोप को सही साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाता, तो अदालत Prima Facie केस को मुकदमे में जाने से पहले ही खारिज कर देगी

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प्रतिवादी को देना पड़ता है प्रूफ

अगर अदालत प्रथम दृष्टया सबूत को सही मानती है तो प्रतिवादी को मुकदमा जीतने और अपने खिलाफ लगे आरोप को गलत साबित करने के लिए सबूत पेश करना होगा

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सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 26

सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 26 की उपधारा (1) के मुताबिक, प्रत्येक वाद को एक वादपत्र की प्रस्तुति द्वारा स्थापित किया जाएगा, और उसी धारा के उप-धारा (2) के अनुसार शपथ पत्र द्वारा तथ्यों को स्थापित किया जाना चाहिए

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क्रिमिनल केस में

ऐसे केस में अभियोजन पक्ष की जिम्मेदारी होती है Prima Facie Evidence पेश करे

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कुछ खास केस

गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) , स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (एनडीपीएस), के तहत लगे आरोप में प्रतिवादी को 'प्रथम दृष्टया' अपनी बेगुनाही प्रदर्शित करनी पड़ती है

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संबंधित मामला

राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय होना एक निर्णायक कार्रवाई है और शक्ति का महत्वपूर्ण अभ्यास भी है, लेकिन किसी व्यक्ति को बिना किसी प्रथम दृष्टया साक्ष्य के ट्रायल की कठोरता से गुजरने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है

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इस मामले पर हुई सुनवाई

हाई कोर्ट ने ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) और 13(2) सहपठित IPC की धारा 120B के तहत एक मामले में एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के खिलाफ दायर याचिका पर एक फैसले में यह टिप्पणी की

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