भारत के विधि आयोग ने, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस ऋतु राज अवस्थी करते हैं, एक नई रिपोर्ट सरकार को सौंपी है जिसमें उन्होंने 'राजद्रोह' को बरकरार रखने की बात कही है
Image Credit: my-lord.inअपनी रिपोर्ट में विधि आयोग ने कहा है कि उनके हिसाब से भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को बरकरार रखना चाहिए, हमारे देश के लिए यह महत्वपूर्ण है
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ऋतु राज अवस्थी ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को आईपीसी की धारा 124ए को लेकर संशोधन के लिए पत्र भी लिखा है
Image Credit: my-lord.inआईपीसी की धारा 124ए के तहत यदि कोई कुछ ऐसा कहता, बोलता या करता है जिससे किसी के मन में कानून के प्रति अवमानना का भाव उत्पन्न हो, उसे सजा दी जाएगी जिसमें कारावास और जुर्माना, दोनों शामिल होंगे
Image Credit: my-lord.inइस धारा का विवरण करते हुए विधि आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इसमें 'प्रवृत्ति' (Tendency) शब्द को शामिल किया जाना चाहिए; किसी की हरकत में सरकार की अवमानना करने की 'प्रवृत्ति' देखी गई तो उसे भी इस धारा के तहत सजा मिलेगी
Image Credit: my-lord.inविधि आयोग का यह भी कहना है कि आजीवन कारावास और जुर्माना तो ठीक है, लेकिन इसमें तीन साल तक की जेल की सजा की अवधि को बढ़ाकर सात साल कर देना चाहिए
Image Credit: my-lord.inविधि आयोग की अनुशंसा पर कानून मंत्री ने कहा है कि वो सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेंगे और उसके बाद ही इसपर कोई फैसला लेंगे। आयोग की रिपोर्ट को मानना उनके लिए अनिवार्य नहीं है
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!