जानिए शील भंग करने का अर्थ और इससे जुड़े कानून

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 12 Mar, 2023

शील भंग करने का अर्थ

IPC के तहत शील को संयम और सरलता के रूप में परिभाषित किया है. शील महिलाओं की वो भावना है जो एक महिला होने के नाते वो महसूस करती है.

Image Credit: my-lord.in

मनोवैज्ञानिक शील

लज्जा केवल शारीरिक शील तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें नैतिक और मनोवैज्ञानिक शील भी शामिल है. एक महिला की मनोवैज्ञानिक शील को उसके स्वाभिमान और गरिमा की सहज भावना कहा जाता है.

Image Credit: my-lord.in

शील यानी लज्जा

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला पर हमला करता है या अपराधिक बल का उपयोग करता है, अपमान करने का इरादा रखता है या यह जानता है कि वह महिला की शील यानी लज्जा को भंग कर देगा तो उसे दोषी माना जाएगा.

Image Credit: my-lord.in

अपराध के लिए सजा

IPC की धारा 354 के तहत शील भंग करना एक संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय अपराध है. अपराध साबित होने पर अदालत अपराधी को 1 साल से लेकर 5 साल तक जेल की सजा सुना सकती है और जुर्माना भी लग सकता है.

Image Credit: my-lord.in

अदालत की मर्जी

अदालत अगर चाहे तो उसके पास यह अधिकार है कि दोषी को अतिरिक्त दंड दे सकता है जैसे- सामुदायिक सेवा, परामर्श और पुनर्वास कार्यक्रम.

Image Credit: my-lord.in

सीटी बजाना भी अपराध

IPC की धारा 509 के अनुसार जो कोई भी किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि निकालेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, वह दोषी माना जाएगा.

Image Credit: my-lord.in

लज्जा के अनादर की सजा

किसी महिला या लड़की को देखकर कोई सीटी बजाकर उस महिला या लड़की का अपमान करता है तो अपराध साबित होने पर उसे 3 वर्ष की कारावास हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: क्या हिंदू महिला को भी हैं तलाक का अधिकार, जानिए Hindu Marriage Act का प्रावधान

अगली वेब स्टोरी