एनकाउंटर को लेकर जानिए सुप्रीम कोर्ट और NHRC की गाइडलाइन्स
My Lord Team
Image Credit: my-lord.in | 14 Apr, 2023
उमेश पाल हत्याकांड के 49 दिनों के बाद गुरुवार को UP STF ने दो आरोपियों असद और गुलाम को एनकाउंटर में ढेर किया .
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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार एनकाउंटर से पहले मिली खुफिया जानकारी को इलेक्ट्रानिक फॉर्म में दर्ज करना जरूरी है.
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एनकाउंटर में अगर कोई मारा जाता है तो उसमें शामिल पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज होनी चाहिए और स्वतंत्र जांच, CID या किसी अन्य थाने द्वार होनी चाहिए.
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मामले की स्वतंत्र मजिस्ट्रेट द्वारा भी जांच होनी चाहिए और घटना की पूरी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को साझा की जानी चाहिए.
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घटना के अधिकार क्षेत्र में आने वाली स्थानीय कोर्ट से भी विस्तृत रिपोर्ट साझा होनी चाहिए।
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NHRC के अनुसार एनकाउंटर की जांच 4 महीने और मेजिस्ट्रेट जांच 3 में पूरी हो जानी चाहिए.
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NHRC के अनुसार दोषी पाए जाने पर पुलिस अधिकारीयों पर भी आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए .
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मानवाधिकार आयोग ये भी कहता है कि मृतक के परिजनों को सूचना देना पुलिस का कर्तव्य है.
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