चुनाव से संबंधित अपराध IPC में किस तरह परिभाषित हैं, जानिए

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 27 Feb, 2023

धारा 171A

"अभ्यर्थी और चुनावी अधिकार" अर्थात किसी व्यक्ति को चुनाव में खड़े या न खड़े होने, उम्मीदवार होने से पीछे हटने या मतदान करने या मतदान ना करने का अधिकार है.

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धारा 171B (रिश्वतखोरी)

किसी व्यक्ति को उसके चुनावी अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने हेतु या अपने चुनावी अधिकार का प्रयोग के लिए ग्रैटीफिकेशन के रूप में रिश्वत देना या स्वीकारना, अपराध है.

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धारा 171C (चुनावों पर अनुचित प्रभाव)

किसी व्यक्ति को किसी अत्याचार से धमकाना, या धार्मिक दोष के नाम पर डराना ताकि चुनाव के दौरान उम्मीदवार/मतदाता अपना प्रभाव डाल सकें.

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धारा 171D (चुनाव में व्यक्तित्व)

दो बार या अनुचित तरीके से मतदान देने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को प्रतिरूपण के अपराध का दोषी माना जाएगा.

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धारा 171G (मिथ्या कथन)

जो व्यक्ति किसी उम्मीदवार के चरित्र या आचरण को खराब करने के लिए सार्वजनिक रूप से मिथ्या कथन को सच्चे तथ्यों के रूप में प्रच्छन्न करता है, तो वह अपराधी होता है.

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धारा 171H (अवैध भुगतान)

जो कोई भी, उम्मीदवार द्वारा लिखित में मिले किसी सामान्य या विशेष अधिकार के बिना, इलेक्शन कैंपेन को बढ़ावा देने के लिए व्यय करता है, वह व्यक्ति सजा का पात्र होगा.

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धारा 171I (चुनावी हिसाब रखने में नाकामी)

कोई व्यक्ति, जो इलेक्शन के सिलसिले में होने वाले खर्च का लेखा- जोखा रखने के लिए जिम्मेदार है, और ऐसा करने में असफल होता है तो वो दंडित किया जाएगा.

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