जानें कामकाजी गर्भवती महिलाओं के पांच अधिकार इस Act में

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 02 Mar, 2023

मातृत्व लाभ हेतु

यह अधिनियम बच्चे के जन्म से पहले और बाद में निश्चित अवधि के लिए निश्चित प्रतिष्ठान में महिलाओं को मातृत्व लाभ प्रदान करने के लिए और रोजगार को विनियमित करने के लिए है.

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नौकरी से नहीं निकाला जा सकता

यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मातृत्व अवकाश पर है तो उन्हें नौकरी से नहीं निकाला नहीं जा सकता है. ऐसा करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को छह महीने की जेल हो सकती है.

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नहीं बना सकते किसी तरह का दबाव

गर्भवती महिला को बिना वेतन जॉब से ब्रेक लेने या ना लेने के लिए दबाव नहीं बना सकते, कानूनन प्रेगनेंसी के दौरान महिला को 26 हफ्ते का वेतन सहित छुट्टी लेने का पूरा अधिकार है.

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शिशुगृह की सुविधा

साल 2017 के संशोधन के बाद हमारे देश में 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों में क्रेच (शिशुगृह) बनाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसकी लागत कर्मचारी से ली जाएगी.

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नर्सिंग ब्रेक की सुविधा

प्रेगनेंसी उपरान्त ड्यूटी जॉइन करने पर महिलाओं को वर्कप्लेस पर बच्चे की देखभाल (जब तक बच्चा 15 महीने का न हो) के लिए दो नर्सिंग ब्रेक और ब्रेस्ट फीडिंग के लिए सुरक्षित जगह की सुविधा देना हर कंपनी की जिम्मेदारी है.

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हायरिंग करने से नहीं किया जा सकता इंकार

गर्भावस्था को कारण बताकर एक महिला को नौकरी देने से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसा करना एक नागरिक होने के नाते उसके अधिकारों का उल्लंघन है.

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