यह अधिनियम बच्चे के जन्म से पहले और बाद में निश्चित अवधि के लिए निश्चित प्रतिष्ठान में महिलाओं को मातृत्व लाभ प्रदान करने के लिए और रोजगार को विनियमित करने के लिए है.
Image Credit: my-lord.inयदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मातृत्व अवकाश पर है तो उन्हें नौकरी से नहीं निकाला नहीं जा सकता है. ऐसा करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को छह महीने की जेल हो सकती है.
Image Credit: my-lord.inगर्भवती महिला को बिना वेतन जॉब से ब्रेक लेने या ना लेने के लिए दबाव नहीं बना सकते, कानूनन प्रेगनेंसी के दौरान महिला को 26 हफ्ते का वेतन सहित छुट्टी लेने का पूरा अधिकार है.
Image Credit: my-lord.inसाल 2017 के संशोधन के बाद हमारे देश में 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों में क्रेच (शिशुगृह) बनाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसकी लागत कर्मचारी से ली जाएगी.
Image Credit: my-lord.inप्रेगनेंसी उपरान्त ड्यूटी जॉइन करने पर महिलाओं को वर्कप्लेस पर बच्चे की देखभाल (जब तक बच्चा 15 महीने का न हो) के लिए दो नर्सिंग ब्रेक और ब्रेस्ट फीडिंग के लिए सुरक्षित जगह की सुविधा देना हर कंपनी की जिम्मेदारी है.
Image Credit: my-lord.inगर्भावस्था को कारण बताकर एक महिला को नौकरी देने से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसा करना एक नागरिक होने के नाते उसके अधिकारों का उल्लंघन है.
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