Judicial Review किस मामले से आया अस्तित्व में

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 14 Jul, 2023

अमेरिकी व्यवस्था से प्रेरित

न्यायिक समीक्षा के सिद्धांत कि उत्पत्ति एंव विकास अमेरिका में मार्बरी बनाम मेडिसन (1803) में पहली बार हुआ, जॉन मार्शल ने इस सिद्धांत का प्रतिपादन किया था जो उस समय अमेरिका के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश थे

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न्यायिक समीक्षा

भारतीय संविधान में न्यायिक समीक्षा शब्द का प्रयोग कहीं भी नहीं किया गया है लेकिन अनुच्छेद 13 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह शक्ति दी गई है कि वह कानूनों की समीक्षा कर सकता है. इसके तहत सम्बंधित कानून की संवैधानिकता की जांच होती है

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न्यायिक समीक्षा के आधार

पहला वह यदि मूल अधिकारों का उल्लंघन करता हो, दूसरा विधायिका द्वारा उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर बनाया गया हो, और तीसरा संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत हो- तो न्यायिक समीक्षा के विषय के अंतर्गत आएगा

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Judicial review से जुड़ा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि न्यायिक समीक्षा संविधान के बेसिक ढांचे का हिस्सा है, और आगे यह भी कहा है कि 1951 में भारतीय संविधान में जो 9th Schedule जोड़ा गया है जिसमें व्यवस्था की गई है कि इसमें जो भी कानून जोड़े जाएंगे उनका Judicial Review नहीं किया जाएगा

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न्यायिक समीक्षा से सम्बंधित विशिष्ट प्रावधान

अनुच्छेद 372(1) भारतीय संविधान के लागू होने से पूर्व बनाए गए किसी कानून की न्यायिक समीक्षा से संबंधित प्रावधान करता है, अनुच्छेद 32 और अनुच्छेद 226 सुप्रीम कोर्ट एंव उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों का रक्षक एवं गारंटीकर्त्ता की भूमिका प्रदान करते हैं

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