फर्जी पहचान पत्र का उपयोग करना है अपराध?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 28 Apr, 2023

IPC की धारा 198

धारा 198 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी प्रमाण पत्र को यह जानते हुए कि यह किसी भौतिक तथ्य के संबंध में गलत है और वह सही साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल करता है तो ऐसे व्यक्ति को दंडित किया जाएगा

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धारा 198 में सज़ा का प्रावधान

यदि कोई व्यक्ति किसी न्यायिक कार्यवाही में ऐसे झूठे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करता है तो उसे अधिकतम 7 साल तक के कारावास और जुर्माने की सज़ा हो सकती है

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अन्य कार्यवाही

किसी अन्य तरह की कार्यवाही में ऐसे झूठे प्रमाण पत्र को इस्तेमाल करने का दोषी पाए जाने पर उसे अधिकतम 3 साल तक के कारावास और जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है

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अपराध की श्रेणी

IPC की धारा 198 के अंतर्गत परिभाषित अपराध एक जमानती और असंज्ञेय अपराध है. इस तरह के मामलों में अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है

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IPC की धारा 471

इसके मुताबिक यदि कोई व्यक्ति बेईमानी करने के उद्देश्य से किसी जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का उपयोग करता है, जैसे कि वह जाली न होकर असली हो, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दंडित किया जाएगा

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धारा 471 में सज़ा के प्रावधान

यदि कोई धारा 471 के अंतर्गत दोषी पाया जाता है तो उसे धारा 465 के तहत 2 साल के कारावास या जुर्माने या दोनों की सज़ा हो सकती है

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अपराध की श्रेणी

धारा 471 के अंतर्गत परिभाषित अपराध एक जमानती और संज्ञेय अपराध है. इस तरह के मामलों में अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है. इस तरह के अपराध में समझौता नहीं किया जा सकता

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