अच्छा चरित्र आपराधिक मामलों में प्रासंगिक है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 05 Apr, 2023

अपराधी का चरित्र

हमारे देश के कानून में भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act),1872 की धारा 53 और 54 में अपराधी के चरित्र का वर्णन किया गया है.

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अपराधी का चरित्र कब है प्रासंगिक

यह अधिनियम बताता है कि किसी अपराधी के अच्छे और बुरे चरित्र के सबूत को कब और कैसे प्रासंगिक माना जा सकता है.

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IE Act की धारा 53

अधिनियम की धारा 53 में यह कहा गया है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ अदालत में आपराधिक मामले की सुनवाई हो रही हो उसके अच्छे चरित्र के सबूत को भी अदालत प्रासंगिक मान सकती है.

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कौन हो सकते है गवाह?

धारा 53 के अनुसार अदालत किसी को भी सुनवाई के वक़्त व्यक्ति के चरित्र को साबित करने के लिए बुला सकती हैं.

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IE Act की धारा 54

अधिनियम की धारा 54 में कहा गया है कि अभियुक्त के पुराने बुरे चरित्र का सबूत कब प्रासंगिक होता है और कब नहीं.

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साक्ष्य कब होगा अप्रासंगिक

पुराने बुरे चरित्र को साबित करने के लिए पेश किया गया सबूत तब अप्रासंगिक (Irrelevant) माना जाएगा जब तक की अभियुक्त की ओर से खुद अपने अच्छे चरित्र का प्रमाण न दिया जाए.

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धारा 54 कब नहीं होती लागू

किसी आरोपी के अच्छे चरित्र का प्रमाण उन मामलों में लागू नहीं हो सकता जिसमें अभियुक्त का बुरा चरित्र ही उस मामले का सच हो.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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