क्या 16 साल की लड़की सेक्स के लिए फैसला लेने में सक्षम है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 23 Jun, 2023

मेघालय हाई कोर्ट का फैसला

नाबालिग के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज FIR को रद्द करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने कहा कि 16 वर्ष की किशोरी सेक्स को लेकर सोच समझकर फैसला लेने में सक्षम है

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मामला क्या है?

याचिकाकर्ता कई घरों में काम करता है, इसी दरम्यान वो पीड़िता के संपर्क में आया. दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया. आरोप है कि दोनों ने याचिकाकर्ता के चाचा के घर पर यौन संबंध बनाए

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इन धाराओं के तहत केस दर्ज

अगली सुबह नाबालिग लड़की की मां ने याचिकाकर्ता के खिलाफ IPC की धारा 363 और POCSO की धारा 3 और 4 के तहत FIR दर्ज करवाया. याचिकाकर्ता ने दर्ज शिकायत को रद्द करने की मांग अदालत से की थी

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प्रमी के पक्ष में प्रमिका का बयान

याचिकाकर्ता ने यह तर्क दिया यह यौन उत्पीड़न नहीं. पीड़िता ने खुद CrPC की धारा 164 के तहत दर्ज बयानों और अदालत में दिए गवाह से यह स्पष्ट किया कि वह याचिकाकर्ता की प्रेमिका है. संबंध आपसी सहमति से बने है, किसी तरह का कोई बल का प्रयोग नहीं किया गया

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शिकायत रद्द

दर्ज आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में नाबालिग होने के बाद भी पीड़िता ने याचिकाकर्ता के पक्ष में बयान दिया है. पीड़ित के आयु वर्ग में, व्यक्तियों के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए यह मान लेना उचित है कि वे संभोग के संबंध में सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम हैं

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