बता दें कि आप भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत किसी भी हाईकोर्ट में पीआईएल फाइल कर सकते हैं और संविधान के 32वें अनुच्छेद के तहत पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट में फाइल किया जा सकता है
Image Credit: my-lord.inबता दें कि पीआईएल फाइल करते समय याचिकाकर्ता के पास उन सभी लोगों का नाम और पता होना चाहिए जो परेशान हैं और उनका नाम और पता होना जरूरी है जिनसे इन लोगों को परेशानी है. मामले से जुड़े तथ्य, किस तरह का उल्लंघन हो रहा है उसकी जानकारी और इससे होने वाला कोई निजी फायदा की जानकारी भी होनी चाहिए
Image Credit: my-lord.inबता दें कि सर्विसेज से जुड़े किसी भी मामले में पीआईएल फाइल नहीं की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inकोई मुद्दा अगर ग्रैच्युटी से जुड़ा हो, किसी की पेंशन के बारे में हो या फिर किसी की सैलरी से ताल्लुख रखता हो, तब भी पीआईएल नहीं फाइल की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inअगर कोई मुद्दा घर के मालिक और उनके किराएदारों के बीच है, तो इन्हें भी पीआईएल के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन्स में शामिल मुद्दों को छोड़कर अगर केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार या फिर स्थानीय निकायों के खिलाफ कोई शिकायत हो, तो उसके लिए पीआईएल नहीं फाइल की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inअगर आपका मुद्दा किसी शैक्षिक संस्थान में अड्मिशन से जुड़ा है, तो बता दें कि इन्हें लेकर पीआईएल नहीं फाइल की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inहाईकोर्ट या निचली अदालत में याचिकाओं की सुनवाई जल्दी करवाने के लिए भी पीआईएल नहीं फाइल की जा सकती है
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