मुस्लिम लॉ में तलाक कितने प्रकार से वर्णित है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 17 Mar, 2023

तलाक अंतिम उपाय है

मुस्लिम कानून में तलाक का प्रावधान है लेकिन यह अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल करने के लिए निर्धारित है जब पति पत्नी वैवाहिक बंधन में खुश न हो और जब उनका एक साथ रहना असंभव हो गया है.

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तलाक के प्रकार

मुस्लिम कानून विशेषज्ञ ने तलाक को चार श्रेणियों में बांटा है- पति द्वारा तलाक, पत्नी द्वारा तलाक, आपसी सहमति से तलाक और न्यायिक प्रक्रिया से तलाक.

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पति द्वारा दिया गया तलाक

मुस्लिम कानून के तहत एक पति को अपनी पत्नी को तलाक देने का अधिकार है और वह इसे चार तरीकों से कर सकता है: तलाक-ए-अहसन, तलाक़-ए-हसन, पत्नी को छोड़ना और ज़िहर.

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तलाक-ए-अहसन

तलाक़-ए-अहसन में तुहर की अवधि में अगर पति अपनी पत्नी को 'तलाक़', कहता है, यह व्यक्त करते हुए, की वह अपनी पत्नी को तलाक़ देगा, और वह तुहर की अवधि से इद्दत तक कोई शारिरिक संबंध नहीं बनाता तो तलाक हो जाता है.

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तलाक़-ए-हसन

तलाक़-ए-हसन में, पति क्रमिक रूप से तुहर की अवधि के दौरान तीन बार अपनी पत्नी को "तलाक" कहता है, और तीसरी बार तलाक बोलने पर विवाह अपरिवर्तनीय रूप से ख़त्म हो जाता है.

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पत्नी को छोड़ना

जब पति अपनी पत्नी को चार महीने के लिए छोड़ देता है और शपथ लेता है कि उसका उससे कोई लेना-देना नहीं है, तो चार महीने बाद शादी रद्द हो जाती है. इस तलाक में 'तलाक' शब्द का उपयोग नहीं होता.

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पत्नी द्वारा तलाक़

मुस्लिम लॉ के तहत, एक पत्नी अपने पति को केवल तभी तलाक दे सकती है जब उसे उसके पति द्वारा अतीत में तलाक देने के लिए अधिकृत किया गया हो. इस तरह के तलाक को 'तौफीद' कहा जाता है.

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आपसी सहमति से तलाक

ऐसा तब होता है जब पति-पत्नी दोनों आपसी सहमति से एक-दूसरे को तलाक देने के लिए राजी हो जाते हैं. मुस्लिम कानून के अनुसार यह दो तरह से किया जा सकता है, खुला और मुबारत.

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खुला

जब पत्नी के कहने पर पति अलग होने के लिए राजी हो जाता है, इस शर्त पर कि पत्नी को अपने पति को कुछ राशि देनी होगी. ऐसे में पति-पत्नी के बीच लेनदेन की शर्तों पर वह सामान्य निर्णय पे उतरते है.

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मुबारत

मुबारत पति या पत्नी में से किसी एक के कहने पर हो सकता है, लेकिन एक बार इसे स्वीकार कर लेने के बाद, शादी ख़त्म हो जाती और यह अपरिवर्तनीय तलाक बन जाता है.

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न्यायिक प्रक्रिया से तलाक

भारतीय कानून ने मुस्लिम जोड़ों के लिए प्रावधान प्रदान किए हैं, जिसमे मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939 के माध्यम से पति या पत्नी एक दूसरे को तलाक दे सकते है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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