कैसे फाइल करें Curative Petition? जानिये यहां

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 07 Jul, 2023

उपचारात्मक याचिका

क्यूरेटिव शब्द की उत्त्पत्ति ‘Cure’ शब्द से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘उपचार’ होता है। इस तरह के मामले में यह बताना आवश्यक होता है कि याचिकाकर्त्ता किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहा है

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याचिका दाखिल करने हेतु स्थितियाँ

उपचारात्मक याचिका की व्यवस्था ऐसे विशेष/असामान्य मामलों के लिये की गई है जहाँ उच्चतम न्यायालय की न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी न्यायलय के निर्णय से न्याय के सिद्धांत का अतिक्रमण हो रहा हो

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वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा प्रमाणित

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा प्रमाणित (certified) होने के बाद ही फाइल किया जा सकता है. इसके उपरान्त यह याचिका उच्चतम न्यायालय के तीन वरिष्तम न्यायाधीशों (जिनमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल होते हैं) को भेजी जाती है तथा साथ ही याचिका से संबंधित मामले में फैसला देने वाले न्यायाधीशों को भी भेजी जाती है

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पहली दर्ज घटना

इस उपचारात्मक याचिका की अवधारणा वर्ष 2002 में विवाह संघर्ष के मामले, रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा, से उत्पन्न स्थितियों के बाद पैदा हुई थी

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न्यायालय के समक्ष प्रश्न

मामले की सुनवाई के दौरान यह प्रश्न उठा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज होने के बाद क्या दोषी के पास सज़ा में राहत के लिये कोई न्यायिक विकल्प बचता है?

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला

शीर्ष न्यायालय द्वारा अपने ही दिये गए निर्णय को बदलने के लिये उपचारात्मक याचिका की अवधारणा प्रस्तुत की गई. तत्पश्चात, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की पीठ द्वारा उपचारात्मक याचिका की रूपरेखा निर्धारित की गई

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