गैर इरादतन हत्या, मर्डर से कैसे है अलग अपराध?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 24 Jun, 2023

IPC में अपराध की व्याख्या

गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) और हत्या (Murder) दोनों एक दूसरे से अलग हैं जिसके बारे में आईपीसी में बताया गया है

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गैर इरादतन हत्या

IPC की धारा 299 के अनुसार ‘कोई भी व्यक्ति किसी को मारने के इरादे से एक कार्य करता है जिसके कारण मृत्यु हो जाती है, या मारने के इरादे से ऐसी शारीरिक चोट पहुंचाता है. जिससे उसकी मौत होने की संभावना है, या इस ज्ञान के साथ कार्य करता है की इस कार्य से उसकी मौत होने की संभावना है, तो वह कल्पेबल होमीसाइड का अपराध करता है

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IPC की धारा 300

जिस कार्य से मृत्यु हुई है वह कार्य मारने के इरादे से किया गया है तो वह हत्या कहलाएगा

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गैर इरादतन हत्या और हत्या में अंतर

कल्पेबल होमीसाइड में, एक निश्चित (डेफिनिट) मेन्स रिया (mens rea) है, पीड़ित को मारने का एक दुर्भावनापूर्ण (Malicious) इरादा है, और पीड़ित की मृत्यु हो जाती है, लेकिन होमीसाइड करने वाला व्यक्ति मृत्यु के बारे में निश्चित नहीं हो सकता है

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गैर इरादतन हत्या के लिए सजा

धारा 304 में सजा 302 की अपेक्षा थोड़ा कम है .जिसमे आजीवन कारावास की भी सजा दी जा सकती है या एक अवधि के लिए सजा होगी जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड देना पड़ सकता है

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हत्या के लिए सजा का प्रावधान

आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ - साथ जुर्माने की सजा दी जाएगी

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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर इरादतन हत्या के संबंध में कई जगहों पर संभावना शब्द का इस्तेमाल अनिश्चितता को दिखाता है. इसमें कहा गया है कि IPC की धारा 300 हत्या को परिभाषित करती है, हालांकि इसमें संभावित शब्द के उपयोग से परहेज किया जाता है

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