कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया था कि वो शहर में ट्राम रेलवे के बचे हिस्सों को बेचने या ध्वस्त होने से रोकें
Image Credit: my-lord.inयाचिकाकर्ता का यह कहना है कि कोलकाता की ट्राम ट्रेन सर्विस शहर की धरोहर और विरासत का हिस्सा है और ऐसे में बदलते समय के साथ इसे जीवित और संरक्षित रखना जरूरी है
Image Credit: my-lord.inपीआईएल में यह बताया गया है कि कलकत्ता की धरोहर, ट्राम ट्रेन की पूरी स्वीकृत शक्ति 116 किलोमीटर से ज्यादा थी लेकिन अब यह सिर्फ 33.04 किलोमीटर की रह गई है
Image Credit: my-lord.inकलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शिवगणमन और न्यायाधीश अजय कुमार गुप्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है और राज्य सरकार को खास निर्देश भी दिया है
Image Credit: my-lord.inअदालत ने पश्चिम बंगाल की सरकार और परिवहन विभाग को 'ट्राम ट्रेन' के संरक्षण के लिए एक संगठन के गठन का निर्देश दिया है जिसके सभी सदस्य 'स्वतंत्र दिमाग' के साथ काम करेंगे
Image Credit: my-lord.inइस काम के लिए जिस समिति का गठन होगा, अदालत के अनुसार संबंधित सरकारी अधिकारी, कोलकाता के ट्राम-उत्साही, गैर-सरकारी संगठन और विरासत का संरक्षण करने वाले विशेषज्ञ इसका हिस्सा होंगे
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