किसी भी Domain के सफलतापूर्वक Register होने के बाद Renewable न कराने पर, साइबर स्क्वैटर ऐसे डोमेन नाम को खरीद लेते हैं और मूल वेबसाइट की नकल कर उपयोगकर्ता को गुमराह करते हैं.
Image Credit: my-lord.inइसमें टाइपो स्क्वाटर्स नकली वेबसाइट को असली जैसा बनाकर उपयोगकर्ताओं को झांसे में लेते हैं.
Image Credit: my-lord.inयह एक प्रकार का (Cyber Fraud) है. जिसमें गोपनीय वित्तीय जानकारी और अन्य संवेदनशील डेटा का दुरुपयोग होता है.
Image Credit: my-lord.inनेम जैकर्स (Name Jackers) ज्यादातर प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर नकली डोमेन नाम को पंजीकृत कर उपयोगकर्ताओं को धोखा देते हैं.
Image Credit: my-lord.inहमारे देश में Cybersquatting के खिलाफ कोई विशेष कानून नहीं है लेकिन ट्रेड मार्क अधिनियम ,1999 और ट्रेडमार्क नियम, 2002 के तहत नए डोमेन नाम की सुरक्षा की जा सकती है.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम के तहत डोमेन नाम पंजीकृत होने के बाद, मालिक को वैध रूप से Domain का मालिकाना हक़ प्राप्त हो जाता है.
Image Credit: my-lord.inअधिनियम की धारा 103 और 104, के अनुसार झूठे डोमेन का उपयोग करने या नकल करने पर कम से कम 6 महीने से लेकर तीन साल तक की कैद, पचास हजार से दो लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
Image Credit: my-lord.inIndian Penal Code की धारा 469 के तहत जालसाजी का उपयोग साइबर स्क्वेटिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी किया जा सकता है, इस कार्य के लिए दोषी पाए गए लोगों को तीन साल के लिए जेल हो सकती है.
Image Credit: my-lord.inUniform Domain-Name Dispute-Resolution Policy (UDRP) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत मुकदमेबाजी के बिना डोमेन नाम पंजीकरण कर्ताओं और ट्रेडमार्क मालिकों के बीच के विवादों को हल किया जा सके.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!