आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में 'जीने के अधिकार' और 'व्यक्तिगत स्वतंत्रता' के बारे में विस्तार से बताया गया है।
Image Credit: my-lord.inसंविधान का यह अनुच्छेद यह कहता है कि "किसी भी शख्स को उसके जीने के अधिकार या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं रखा जा सकता है; जब तक उस विषय में कानून के तहत कोई कार्रवाई न चल रही हो।"
Image Credit: my-lord.inइस अधिकार के तहत आप अपनी जान की सुरक्षा की मांग कर सकते हैं फिर वो चाहे आपके परिवार से ही क्यों न हो।
Image Credit: my-lord.in2022 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने एक लड़की को 'अपने बल पर जिंदगी जीने का अधिकार' प्रदान किया गया था।
Image Credit: my-lord.inइस लड़की का यह दावा था कि उसके परिवार के सदस्य उसके साथ जबरदस्ती कर रहे हैं, उसपर शादी करने का दबाव डाल रहे हैं और उसके भाई उसके साथ बदतमीजी भी कर रहे हैं। इसी के चलते वो घर से भागकर वाराणसी चली गई और वहां रहने लगी।
Image Credit: my-lord.inमध्य प्रदेश हाईकोर्ट के ऑर्डर के आधार पर अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहकर इस 20 वर्षीय लड़की को सिक्योरिटी दिलवाई है।
Image Credit: my-lord.inइस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष हुई है।
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