इस अधिनियम के अनुसार समान काम के लिए समान मजदूरी यानि एक ही प्रकृति के काम को यदि एक महिला और पुरुष दोनों कर रहें हैं तो उन्हें एक समान वेतन मिलना चाहिए.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम के अनुसार महिलाएं किसी भी क्षेत्र में काम करने के लिए कानूनी रूप से स्वतंत्र हैं. उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए.
Image Credit: my-lord.inमहिला व पुरुष में नौकरी आवेदन और सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं हो साथ ही किसी भी रूप में अनुसूचित जाति और जनजाति, पूर्व कर्मचारी के आरक्षण को प्रभावित नहीं करता है.
Image Credit: my-lord.inसंविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने समान काम के लिए समान वेतन की बात उठाई थी.
Image Credit: my-lord.inराज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के भाग-4 में महिला और पुरुषों दोनों को समान काम के लिए समान वेतन के लिए अनुच्छेद 39(d) में प्रमुख प्रावधान किया गया है.
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