'दहज' वो संपत्ति या व्यक्तिगत सुरक्षा है जो शादी से पहले या शादी के दौरान एक पक्षकार द्वारा दूसरे पक्षकार को दी जाती है या पक्षकार के माता-पिता द्वारा दूसरे पक्षकार को मिलती है
Image Credit: my-lord.inदहेज प्रथा के खिलाफ 'दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961' (The Dowry Prohibition Act, 1961) है और इसका उद्देश्य दहेज लेने या देने से लोगों को रोकना है
Image Credit: my-lord.in'दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961' के तहत दहेज देना या दहज लेना एक दंडनीय अपराध है जिसमें आरोपी को कम से कम पांच साल की जेल की सजा और 15 हजार रुपये या उससे ज्यादा का आर्थिक जुर्माना हो सकता है
Image Credit: my-lord.inभारतीय दंड संहिता की धारा 304B में 'दहेज हत्या' (Dowry Death) की बात की गई है और बताया गया है कि यदि महिला की हत्या शादी के सात साल के अंदर, शारीरिक चोट से होती है और वजह दहेज को लेकर दबाव है, तो उसे 'दहेज हत्या' करार दिया जाएगा
Image Credit: my-lord.in'दहेज हत्या' के आरोपी कम से कम सात साल की जेल की सजा सुनाई जाएगी जो बढ़ाकर आजीवन कारावास तक भी की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inकानपुर में दहेज हत्या का एक मामला सामने आया है जिसमें एडिश्नल सेशन्स जज फास्ट ट्रैक कोर्ट, श्रद्धा त्रिपाठी ने आरोपी और उसके पिता को 14 साल की जेल की सजा सुनाई है और सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है
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