हिंदू विवाह अधिनियम में विभिन्न आधार बताये गए है जिनके तहत एक पति या पत्नी कानून के अनुसार तलाक दे सकते हैं, जैसे- एडल्टरी, क्रूरता, धर्म परिवर्तन, मानसिक अस्थिरता, पति या पत्नी को छोड़ना, आदि.
Image Credit: my-lord.inयदि पति या पत्नी का किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध है, तो दूसरा पति या पत्नी तलाक मांग सकता है, पर अधिनियम के तहत, यदि ऐसा नशे या बेहोशी में किया गया हो तो इसे एडल्टरी नहीं माना जाएगा.
Image Credit: my-lord.inयदि पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे के साथ क्रूरता करता है, जैसे- एडल्टरी के झूठे आरोप लगाना, दहेज की मांग करना, नशे की लत, आत्महत्या की धमकी देना, इत्यादि तो पति या पत्नी तलाक मांग सकते हैं.
Image Credit: my-lord.inजब पति या पत्नी में से कोई एक, दुसरे को छोड़ देता है, अर्थात पति और पत्नी एक साथ, एक घर में नहीं रहते है या जब दोनों में से कोई एक वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने में अक्षम है, तो यह तलाक का उचित कारण है.
Image Credit: my-lord.inयदि पति या पत्नी, हिंदू के अलावा अपना धर्म बदलते हैं और दूसरे धर्म में परिवर्तित हो जाते हैं, तो पति या पत्नी धर्मांतरण के आधार पर तलाक की याचिका दर्ज कर सकते हैं.
Image Credit: my-lord.inयदि पति या पत्नी में से कोई इतने गंभीर रूप से मानसिक तौर पर अस्थिर है कि उसके साथ रहना संभव नहीं होगा, तो इस आधार पर तलाक के लिए याचिका दायर की जा सकती है.
Image Credit: my-lord.inयदि पति-पत्नी में से किसी एक ने सांसारिक और सामाजिक दायित्वों से त्याग ले लिया है, तो यह भी तलाक का आधार माना जाता है.
Image Credit: my-lord.inजब सात साल तक पति-पत्नी में से कोई एक लापता हो जाए या उसके जानकारों को भी उसके विषय में नहीं पता होता, तो उसे मृत मान लिया जाता है और यह तलाक के लिए उचित कारण है.
Image Credit: my-lord.inयदि पत्नी की उम्र 15 वर्ष से कम है और पति को बलात्कार या अप्राकृतिक यौन संबंध का दोषी पाया जाता है तो इसे तलाक के लिए एक उचित आधार माना जाता है.
Image Credit: my-lord.inहिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 10 के अनुसार 'न्यायिक अलगाव', जोड़ों का अस्थायी रूप से अलग होना है, और धारा 13 के तहत 'तलाक' विवाह का स्थायी अंत होता है.
Image Credit: my-lord.inकोर्ट द्वारा तलाक याचिका पर तभी विचार किया जाएगा जब शादी को एक साल बीत चुका हो. और आवेदन के बाद भी एक दूसरे से सम्बन्ध विच्छेद करने के बारे में विचार करने के लिए जोड़ों को एक साल की अवधि दी जाती है.
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