क्या हिंदू महिला को भी हैं तलाक का अधिकार, जानिए Hindu Marriage Act का प्रावधान

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 11 Mar, 2023

तलाक के आधार

हिंदू विवाह अधिनियम में विभिन्न आधार बताये गए है जिनके तहत एक पति या पत्नी कानून के अनुसार तलाक दे सकते हैं, जैसे- एडल्टरी, क्रूरता, धर्म परिवर्तन, मानसिक अस्थिरता, पति या पत्नी को छोड़ना, आदि.

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एडल्टरी

यदि पति या पत्नी का किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध है, तो दूसरा पति या पत्नी तलाक मांग सकता है, पर अधिनियम के तहत, यदि ऐसा नशे या बेहोशी में किया गया हो तो इसे एडल्टरी नहीं माना जाएगा.

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क्रूरता

यदि पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे के साथ क्रूरता करता है, जैसे- एडल्टरी के झूठे आरोप लगाना, दहेज की मांग करना, नशे की लत, आत्महत्या की धमकी देना, इत्यादि तो पति या पत्नी तलाक मांग सकते हैं.

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पति या पत्नी को छोड़ना

जब पति या पत्नी में से कोई एक, दुसरे को छोड़ देता है, अर्थात पति और पत्नी एक साथ, एक घर में नहीं रहते है या जब दोनों में से कोई एक वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने में अक्षम है, तो यह तलाक का उचित कारण है.

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धर्म परिवर्तन

यदि पति या पत्नी, हिंदू के अलावा अपना धर्म बदलते हैं और दूसरे धर्म में परिवर्तित हो जाते हैं, तो पति या पत्नी धर्मांतरण के आधार पर तलाक की याचिका दर्ज कर सकते हैं.

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मानसिक अस्थिरता

यदि पति या पत्नी में से कोई इतने गंभीर रूप से मानसिक तौर पर अस्थिर है कि उसके साथ रहना संभव नहीं होगा, तो इस आधार पर तलाक के लिए याचिका दायर की जा सकती है.

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त्याग कर लेना

यदि पति-पत्नी में से किसी एक ने सांसारिक और सामाजिक दायित्वों से त्याग ले लिया है, तो यह भी तलाक का आधार माना जाता है.

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सात या अधिक वर्षों से लापता

जब सात साल तक पति-पत्नी में से कोई एक लापता हो जाए या उसके जानकारों को भी उसके विषय में नहीं पता होता, तो उसे मृत मान लिया जाता है और यह तलाक के लिए उचित कारण है.

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दुष्कर्म का दोषी

यदि पत्नी की उम्र 15 वर्ष से कम है और पति को बलात्कार या अप्राकृतिक यौन संबंध का दोषी पाया जाता है तो इसे तलाक के लिए एक उचित आधार माना जाता है.

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न्यायिक अलगाव और तलाक

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 10 के अनुसार 'न्यायिक अलगाव', जोड़ों का अस्थायी रूप से अलग होना है, और धारा 13 के तहत 'तलाक' विवाह का स्थायी अंत होता है.

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एक साल की अवधि

कोर्ट द्वारा तलाक याचिका पर तभी विचार किया जाएगा जब शादी को एक साल बीत चुका हो. और आवेदन के बाद भी एक दूसरे से सम्बन्ध विच्छेद करने के बारे में विचार करने के लिए जोड़ों को एक साल की अवधि दी जाती है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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