इस मामले में अदालत ने माना कि 'लड़कों के साथ हो रही नाइंसाफी

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 02 Jul, 2023

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने केंद्र से यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम के तहत उम्र सीमा को 18 से घटाकर 16 साल करने पर विचार करने की सिफारिश की

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17 वर्षीय लड़के ने दायर की थी याचिका

17 वर्षीय लड़के पर ग्वालियर में 14 वर्षीय लड़की की शिकायत के आधार पर POCSO कानून के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई

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बलात्कार के आरोप में गिरफ्तारी

आरोपी को 2020 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, स्कूल में पढ़ने वाली लड़की गर्भवती हो गई थी, 2020 में अदालत की अनुमति से उसका गर्भपात कराया गया था

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सहमति से बना शारीरिक संबंध

बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि शारीरिक संबंध पीड़ित और आरोपी की सहमति से बने थे

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युवा बहुत पहले परिपक्व हो रहे

कोर्ट ने कहा इंटरनेट युग में, युवा बहुत पहले परिपक्व हो रहे, कम उम्र में ही शारीरिक संबंध बनाने से कई युवा बलात्कार केस में फंस जाते हैं और उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है

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लड़कों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता

अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में लड़कों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, वो क्रिमिनल नहीं हैं

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CJI ने की थी केंद्र से अपील

कुछ वर्षों में कई राज्यों के उच्च न्यायालयों ने इसकी सिफारिश की है, 2022 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी संसद से सहमति की उम्र के मुद्दे पर फिर से विचार करने की भी अपील की थी

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