हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने केंद्र से यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम के तहत उम्र सीमा को 18 से घटाकर 16 साल करने पर विचार करने की सिफारिश की
Image Credit: my-lord.in17 वर्षीय लड़के पर ग्वालियर में 14 वर्षीय लड़की की शिकायत के आधार पर POCSO कानून के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई
Image Credit: my-lord.inआरोपी को 2020 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, स्कूल में पढ़ने वाली लड़की गर्भवती हो गई थी, 2020 में अदालत की अनुमति से उसका गर्भपात कराया गया था
Image Credit: my-lord.inबचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि शारीरिक संबंध पीड़ित और आरोपी की सहमति से बने थे
Image Credit: my-lord.inकोर्ट ने कहा इंटरनेट युग में, युवा बहुत पहले परिपक्व हो रहे, कम उम्र में ही शारीरिक संबंध बनाने से कई युवा बलात्कार केस में फंस जाते हैं और उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है
Image Credit: my-lord.inअदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में लड़कों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, वो क्रिमिनल नहीं हैं
Image Credit: my-lord.inकुछ वर्षों में कई राज्यों के उच्च न्यायालयों ने इसकी सिफारिश की है, 2022 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी संसद से सहमति की उम्र के मुद्दे पर फिर से विचार करने की भी अपील की थी
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