CJI DY Chandrachud ने बताई क्या है देश और नागरिक के रिश्ते की कड़ी

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 04 Jun, 2023

कैंब्रिज लॉ यूनिवर्सिटी में CJI का भाषण

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, देश के मुख्य न्यायाधीश ने 30 मई, 2023 को कैंब्रिज लॉ यूनिवर्सिटी में 'कैंब्रिज प्रो बोनो प्रोजेक्ट एन्युअल लेक्चर' के तहत एक भाषण दिया जो 'संवैधानिक अधिकारों और संवैधानिक संस्थानों' के रिश्ते पर था

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कैसे मजबूत होता है देश और नागरिक के बीच का रिश्ता?

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि देश और उसके नागरिक के रिश्ते के चार पहलू होते हैं- संवैधानिक प्रक्रियाएं, शासन के लिए संस्थागत व्यवस्था, संविधान के तहत काम की जांच और लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी

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संवैधानिक अधिकारों को कैसे रखा जा सकता है सुरक्षित?

संवैधानिक अधिकारों और मूल्यों को सुरक्षित रखने के लिए सबसे जरूरी है देश में संवैधानिक संस्थानों का होना, जो इन अधिकारों और मूल्यों को संभालकर रखते हैं

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कैसे बरकरार रहती है संविधान की प्रासंगिकता?

संविधान की प्रासंगिकता ऐसे संस्थानों की स्थापना पर टिकी है जो एक शासन प्रणाली तैयार कर सकें और उसे जिम्मेदारी से चला सकें

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'सेपरेशन ऑफ पावर' की अहमियत

जस्टिस चंद्रचूड़ ने संस्थानों के बीच 'सेपरेशन ऑफ पावर' की अहमियत को भी हाईलाइट किया है और कहा है कि उनके हिसाब से हर संस्थान का एक काम यह भी है कि वो बाकी संस्थानों की शक्ति को नियंत्रित रखे

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भारत में है शासन का एक विकेंद्रीकृत मॉडल

भारत के मुख्य न्यायाधीश का कहना है कि हमारे देश का संविधान शासन के एक विकेंद्रीकृत मॉडल की कल्पना करता है जहां पंचायत राज और स्थानीय स्वशासन से लेकर राज्य-केंद्र सरकार तक, सबका प्रावधान है

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न्यायिक समीक्षा पर क्या बोले CJI?

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अपने भाषण में न्यायिक समीक्षा यानी जूडिशियल रिव्यू को भी अहम बताया है; उनके हिसाब से यायिक समीक्षा संवैधानिक संस्थानों की शक्ति को नियंत्रित करने का एक तरीका है

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