इस अधिनियम के तहत रेल और रेल यात्रा से संबंधित कई नियम और कानून का प्रावधान किया गया है. इस अधिनियम की धारा 139 के तहत महिलाओं और बच्चों को विशेष अधिकार दिए गए हैं
Image Credit: my-lord.inअधिनियम की धारा 139 के अनुसार ये कानून उन महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करता है जो रात में भारतीय रेल में अकेले यात्रा कर रही है
Image Credit: my-lord.inधारा 139 के अनुसार किसी भी ट्रेन में TTE रात में ट्रेन से महिला या बालक को उतरने का आदेश नहीं दे सकता है. फिर चाहे उसके पास कोई रेल पास या टिकट हो या ना भी हो.
Image Credit: my-lord.inधारा 139 के अनुसार उस स्टेशन पर जहां से उन्होने अपनी यात्रा प्रारंभ की है या किसी जंक्शन या टर्मिनल स्टेशन पर या सिविल जिले के मुख्यालय में स्थित स्टेशन पर और केवल दिन में ही रेल से उतारा जा सकता है
Image Credit: my-lord.inधारा 162 के अनुसार वह लड़का जिसकी उम्र 12 साल से कम है वो महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बे में यात्रा कर सकता है. इन डिब्बो से उन्हें ना ही कोई दूसरा यात्री या टीटीई उतार सकता है
Image Credit: my-lord.inअगर कोई पुरुष जानबूझकर किसी महिला डिब्बे में यात्रा करता है तो वह सजा का पात्र होगा. इसके लिए उसे पांच सौ रुपये के जुर्माने के साथ ट्रेन से उतारा जा सकता है
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