भारत में राष्ट्रीय ध्वज की सुरक्षा और उसका सम्मान सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कैसे कृत्यों को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाएगा यह निर्धारित किया गया है.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम के तहत, कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को जलाता है, नष्ट करता है, विरूपित करता है चाहे बोलकर, लिखकर, चित्र या पेंटिंग किसी माध्यम से तो उसे ध्वज का अपमान माना जाएगा.
Image Credit: my-lord.inजब कोई व्यक्ति तिरंगे के बारे में कुछ अपमानजनक कहता है या किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को नीचे करता है तो यह भी भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर होता है.
Image Credit: my-lord.inतिरंगे को तब तक आधा झुकाया नहीं जाना चाहिए जब तक कोई ऐसी स्थिति न आये जहां उसे झुकना नियम हो जैसे कि भारत के मुख्य न्यायाधीश या संसद के अध्यक्ष की मृत्यु के अवसर पर.
Image Credit: my-lord.inकिसी भी चीज़ को ढकने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना भी अपमान माना जाएगा, जब तक कि इसे राज्य या सैन्य अंतिम संस्कार में इस्तेमाल न किया जाये.
Image Credit: my-lord.inपोशाक के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना या इसे वर्दी या कुशन, रूमाल, नैपकिन पर प्रिंट करना या भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर किसी भी प्रकार का शिलालेख लगाना भी प्रतिबंधित है.
Image Credit: my-lord.inराष्ट्रीय ध्वज से किसी मूर्ति या डेस्क को ढंकना या ध्वज को जानबूझकर जमीन को छूने देना या ध्वज को किसी वाहन, कार,नाव, ट्रक या हवाई जहाज के ऊपर, पीछे या बगल में लपेटना अपमान माना जाएगा.
Image Credit: my-lord.inकोई भी व्यक्ति जो ऊपर वर्णित किसी भी कार्य के माध्यम से या यहां तक कि शब्दों या संकेतों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता है, उसे तीन साल तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा.
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