इस धारा के तहत, 'धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी का प्रचार करना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना' अपराध माना जायेगा
Image Credit: my-lord.inइस अपराध के लिए तीन साल की कैद से किया जाएगा दंडित, लेकिन अपराध पूजा के स्थान या धार्मिक समारोहों में लगे एक सभा में किया जाता है तो यह सजा पांच साल भी हो सकती है
Image Credit: my-lord.inइसके तहत "सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान" देना अपराध माना गया है. कोई ऐसा बयान, प्रकाशन, रिपोर्ट या अफवाह या जिससे लोगों के मन में डर उत्पन्न हो उसे अपराध माना जाएगा
Image Credit: my-lord.inधारा 505(1) के तहत ऐसे अपराध करने पर तीन साल तक की जेल की सजा से दंडित किया जाएगा
Image Credit: my-lord.inइसके तहत दो या दो से अधिक वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान देना अपराध है
Image Credit: my-lord.inभारतीय विधि आयोग की 267वीं रिपोर्ट जिसका शीर्षक The "Hate Speech" है, एमपी बेजबरुआ कमेटी और टीके विश्वनाथ कमेटी ने भारतीय दंड संहिता में एक नई धारा 153 सी डालने की सिफारिश की है
Image Credit: my-lord.inइस धारा का उद्देश्य नफरत फैलाने वाले भाषणों पर अंकुश लगाना है. विधि आयोग से 11.01.2018 को इन तीनों सिफारिशों की जांच करने और एक व्यापक बधिर प्रावधान देने का अनुरोध किया गया है
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