लिंग के आधार पर गर्भपात संज्ञेय अपराध है - जानिए PCPNDT Act

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 07 Mar, 2023

क्या है PCPNDT अधिनियम

कन्या भ्रूण हत्या और घटते हुए लिंगानुपात को रोकने के लिए, इस अधिनियम के तहत प्रसव से पहले लिंग की जांच और प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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अधिनियम का उद्देश्य

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य गर्भधारण के बाद भ्रूण का लिंग जानने वाली तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है.

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प्रयोगशाला में अल्ट्रासोनोग्राफी निषेध

कोई भी प्रयोगशाला या केंद्र या क्लिनिक भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के उद्देश्य से अल्ट्रासोनोग्राफी के साथ कोई भी परीक्षण नहीं करेगा.

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भ्रूण का लिंग बताना अपराध है

गर्भवती महिला या उसके रिश्तेदारों को शब्दों, संकेतों या किसी अन्य विधि से भ्रूण का लिंग नहीं बताया जा सकता. अगर कोई ऐसा करेगा तो वह अपराधी माना जाएगा.

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लिंग निर्धारण सुविधाओं का विज्ञापन

कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण सुविधाओं के लिये किसी भी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट रूप में विज्ञापन देता है, या किसी भी तरह शामिल होता है, वह दोषी होगा.

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क्या करना है अपराध

प्रसव पूर्व निदान तकनीक का अपंजीकृत संस्थान में संचालन, विक्रय व लिंग जांच के लिए इस्तेमाल, लिंग जांच को प्रोत्साहित करने वाला विज्ञापन, या शब्द या चित्र से लिंग निर्देशित करना.

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लिंग जांच करवाने की सजा

गर्भवती महिला के भ्रूण का लिंग जांच करवाने वाले व्यक्ति को तीन से लेकर पांच साल तक की जेल, व 50,000 से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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लिंग जांच करने की सजा

चिकित्सक जो लिंग जांच तकनीक का प्रयोग करता है वो तीन से पांच साल तक के कारावास से और 10,000 से 50,000 रुपये से दंडित किया जाएगा.

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विज्ञापन की सजा

विज्ञापन देने या शामिल होने पर तीन साल की जेल और 10,000 रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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