आत्महत्या के लिए उकसाना गंभीर अपराध है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 28 Apr, 2023

IPC की धारा 306

इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाता है और वह व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है तो उकसाने वाले व्यक्ति को इस धारा के तहत सज़ा सुनाई जा सकती है

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कितने साल की सजा है

अगर दोष सिद्ध हो जाता है तो उकसाने वाले व्यक्ति को अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सज़ा हो सकती है

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'उकसाना' शब्द का अर्थ क्या है ?

धारा 306 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित करे, सहायता करे, समर्थन करे या फिर मदद करे, ये सब कार्य "उकसाना" शब्द के मतलब के दायरे में आते हैं

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किस श्रेणी का है अपराध?

भारतीय कानून के अनुसार, धारा 306 के तहत अपराध एक गैर-जमानती और संज्ञेय प्रकृति का होता है

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क्या यह समझौता योग्य अपराध है?

भारतीय न्यायालयों द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि धारा 306 के तहत अपराध मामले समझौता योग्य नहीं होते हैं

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अमलेंदु पाल vs पश्चिम बंगाल राज्य (2009) केस

सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह बताया गया था कि उकसाने और आत्महत्या करने के बीच में सीधा संबंध होना चाहिए यानि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में, आत्महत्या करने के लिए उकसाने के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत होना अनिवार्य है

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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