Family Court की भारतीय समाज में भूमिका

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 12 Jan, 2023

क्या है पारिवारिक न्यायालय या Family Court?

फ़ैमली कोर्ट् पारिवारिक संबंधों से उत्पन्न होने वाली कानूनी समस्याओं से निपटने के लिए बनाया गया विशेष न्यायालय है. वर्तमान में पारिवारिक विवाद का निपटारा फैमिली कोर्ट में होता है.

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पारिवारिक न्यायालय की स्थापन

इसकी स्थापना 1984 में लाए गए अ​धिनियम के बाद हुई. इससे पूर्व देश में कोई फ़ैमली कोर्ट नहीं था. सभी मामले सामान्य कोर्ट में ही चलायें जाते थे.

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क्यों बना फ़ैमली कोर्ट

1984 से पहले सभी मामले की सुनवाई सामान्य कोर्ट में होती थी. जनसंख्या वृद्धि के कारण देश में पारिवारिक विवाद बढ़ने लगे. इस कारण मामलों की सुनवाई होने में देरी होने लगी. मामलों के जल्द निपटारे के लिए पारिवारिक न्यायालयों स्थापना हुई.

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मुकदमों के प्रकार

Family Court में शादी, तलाक़, बच्चे गोद लेना, बच्चे को संपत्ति में हिस्सा देना, विधवा को संपत्ति में हिस्सा देना जैसे केस जाते हैं.

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Family Court में जज

फ़ैमिली कोर्ट्स एक्ट, 1984 के धारा 4 (3) (a) के तहत, कम से कम भारत में सात साल तक कानूनी अधिकारी के तौर पर कार्य का अनुभव. Family Courts Act की धारा 4 (3) (b) के तहत सात साल किसी भी हाई कोर्ट या किसी और कोर्ट में अभिवक्ता के तौर पर काम का अनुभ

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