भारत के मुख्य न्यायाधीश को मास्टर ऑफ रोस्टर कहा जाता है.
Source: my-lord.inमास्टर ऑफ रोस्टर का अर्थ होता है किसी मामले को सुनावई के लिए बेंच को गठित करते हैं.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट रोस्टर का अर्थ किस मामले की सुनवाई कौन सी पीठ करेगी, ये तय करना सीजेआई का काम है.
Source: my-lord.inवहीं जजों के पास ये अधिकार है कि वे दिए गए मामले की सुनवाई करना चाहते हैं या नहीं,
Source: my-lord.inजजों को मिले इसी अधिकार की वजह से जज खुद को मुकदमों की सुनवाई से अलग कर लेते हैं.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट में उच्चतम जजों की संख्या 34 है, सामान्यत: मामलो को सुनने के लिए डिवीजन बेंच बैठती है जिसमें दो जज एक साथ बैठते हैं.
Source: my-lord.inवहीं संवैधानिक बेंच में तीन या उससे अधिक जजों की पीठ बैठती है. सीजेआई के पास इन बेंच को गठित करने में, बेंच में जजों का चयन करने और किसी मामले को किस दिन सुना जाना है, ये तय करने का अधिकार है.
Source: my-lord.inचीफ जस्टिस को मिली इन्हीं शक्तियों की वजह से उन्हें मास्टर ऑफ रोस्टर कहा जाता है.
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