न्यायालय के समक्ष अपने कथन कि सत्यता को साबित करने के लिए एक शपथपत्र देना होता है । हमारे समाज में यह माना जाता है कि जो बातें आप प्रतिज्ञा लेकर कह रहे है वह सच है। शपथ पत्र ( Affidavit ) एक तरह की प्रतिज्ञा है, जिसमें आप लिखित में किसी तथ्य या कथन को शपथ या सौगंध लेकर कहते है
Image Credit: my-lord.inजब किसी व्यक्ति द्वारा किसी काम को करने या न करने की लिखित रूप में खुद से ली गई तथ्यात्मक घोषणा को affidavit (शपथ-पत्र) कहते हैं। Affidavit को शपथ-पत्र या हलफनामा भी कहते हैं। यह घोषणा किसी ऐसे व्यक्ति के समक्ष ली जाती है जो विधि द्वारा उसके लिए अधिकृत हो, जैसे कि कोई नोटरी पब्लिक या ओथ कमिश्नर
Image Credit: my-lord.inएक हलफनामा तथ्यों का एक लिखित बयान होता है जिसे शपथ के तहत शपथ दिलाई जाती है या पुष्टि की जाती है और सहयोगी (बयान देने वाला व्यक्ति) द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है। हलफ़नामे का उपयोग अक्सर अदालती कार्यवाही में साक्ष्य के रूप में किया जाता है, और वे कानूनी महत्व रखते हैं क्योंकि वे पेश की गई सभी जानकारी की सत्यता की पुष्टि करते हैं
Image Credit: my-lord.inशपथ-पत्र का इस्तेमाल कोर्ट में भी हो सकता है और अर्द्धन्यायिक संस्था (quasi judicial institution) में भी। जन्म प्रमाणपत्र बनवाने, शादी रजिस्ट्रेशन आदि के लिए ऐफिडेविट संबंधित प्राधिकारी के सामने देना होता है, लेकिन यदि बयान गलत है या जानबूझकर गलत बयान दिया गया है तो दावा रद्द हो जाता है
Image Credit: my-lord.inहर एक राज्य का अपना Stamp Duty Act होता है इस कारण सभी राज्यों में एक समान स्टांप फीस नहीं होती है। सामान्यतः 10 रुपये से 100 रुपए के स्टांप पेपर पर ऐफिडेविट तैयार होता है। इसका मतलब संबंधित प्राधिकार की डिमांड के हिसाब से ऐफिडेविट के लिए स्टांप पेपर का इस्तेमाल किया जाता है
Image Credit: my-lord.inयह पता करें कि क्या हलफनामा प्रस्तुत करने की कोई आवश्यकता है। कि क्या कोर्ट फीस की उचित राशि की पुष्टि की जानी चाहिए। हलफनामे की सामग्री के सत्यापन को निर्धारित तरीके से ठीक से सत्यापित किया जाना चाहिए। शपथ पत्र का सत्यापन या तो शपथ आयुक्त द्वारा या नोटरी द्वारा किया जाना चाहिए
Image Credit: my-lord.inजब कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा बयान देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति किसी और के बदले में शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है, तो ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ IPC section -419 ( पहचान बदलकर धोखा देना ) का मुकदमा बन सकता है
Image Credit: my-lord.inधारा 419 में यह कहा गया है कि जो कोई प्रतिरूपण (impersonation) द्वारा छल करेगा,वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जाएगा
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