नोटा क्या होता है? इसे क्यों लाया गया?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 05 Jun, 2024

सुप्रीम कोर्ट

साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले ने मतदाताओं को नोटा का विकल्प उपलब्ध करवाया.

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मतदाता

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नोटा

यदि किसी क्षेत्र में सभी उम्मीदवारों के मुकाबले नोटा को अधिक वोट मिल जाते हैं

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नियम 64

तो नियम 64 के अनुसार जिस उम्मीदवार को सर्वाधिक वोट मिले हैं, उसे चुनाव आयोग विजयी घोषित करता है.

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99 प्रतिशत

इसके अलावा यदि 99 प्रतिशत मत भी नोटा को मिलते हैं तो भी इसका चुनाव पर कोई असर नहीं होगा. नोटा का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है.

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एक प्रतिशत

इस परिस्थिति में किसी उम्‍मीदवार को एक प्रतिशत भी वोट मिले हैं, तो भी वही निर्वाचित होगा.

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ईमानदार प्रत्याशी

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ईवीएम में नोटा बटन लगाने का निर्देश दिया, जिसमें कहा गया कि इससे राजनीतिक दल ईमानदार और जनता की इच्छा के अनुरूप उम्मीदवार उतारने के लिए बाध्य होंगे.

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वैधानिक अधिकार

बता दें कि वोट एक वैधानिक अधिकार है क्योंकि यह संविधान द्वारा नहीं बल्कि कानून द्वारा प्रदान किया गया है.

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