देश में मौजूद शत्रु सम्पत्ति (Enemy Property) की नीलामी की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा जारी है क्योंकि ऐसी सम्पत्ति का प्रबंधन एवं निपटारा किया जाना एक सतत प्रक्रिया है. इस सम्बन्ध में सरकार ने लोकसभा को हाल ही में जानकारी दी। यहां जिज्ञासा उठती है कि शत्रु सम्पत्ति क्या है, तो आइये समझते हैं इसके बारे में
Image Credit: my-lord.inभारत में शत्रु संपत्ति (चल और अचल दोनों प्रकार की सम्पत्ति) के अंतर्गत ऐसे लोगों की सम्पत्तियों को रखा गया है जो देश के विभाजन के समय या फिर 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के बाद चीन या पाकिस्तान में जाकर बस गए और वहाँ की नागरिकता ले ली. ऐसे लोगों की सम्पत्तियों को सरकार ने देश के रक्षा अधिनियम, 1962 के तहत ज़ब्त कर सकती है और एक अभिरक्षक या संरक्षक (कस्टोडियन) नियुक्त कर सकती है
Image Credit: my-lord.inभारत - पाकिस्तान के बीच ताशकंद घोषणा (10 जनवरी, 1966) में एक खंड को शामिल किया गया जिसमें कहा गया कि दोनों देश युद्ध के बनने के बाद कब्ज़े में ली गई संपत्ति और उसकी वापसी पर चर्चा करेंगे, लेकिन पाकिस्तान ने वर्ष 1971 तक अपने देश में मौजूद सभी संपत्तियों का निपटारा कर लिया था
Image Credit: my-lord.inआपको बता दे कि शत्रु सम्पत्तियों के नीलामी की प्रक्रिया शत्रु सम्पत्ति अधिनियम, 1968 (Enemy Property Act, 1968) के नियमों तथा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों के तहत संचालित होती है जो की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं
Image Credit: my-lord.inशत्रु सम्पत्ति के निपटान के लिए मार्गदर्शन आदेश 2018, शत्रु शेयर के विक्रय के लिए प्रक्रिया, और क्रियाविधि आदेश 2019, अचल शत्रु संपत्ति के निपटान के लिए प्रक्रिया और क्रियाविधि आदेश 2020 और शत्रु सम्पत्ति के निपटान के लिए मार्गदर्शन संशोधन आदेश 2023 शामिल हैं
Image Credit: my-lord.inदेश में कुल 12,611 प्रतिष्ठान हैं जिन्हें शत्रु सम्पत्ति कहा जाता है जिसका अनुमानित मूल्य 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक है। भारतीयों के लिए शत्रु सम्पत्ति के संरक्षक (सीईपीआई) के तहत कुल 12,611 प्रतिष्ठानों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित हैं जबकि 126 चीनी नागरिकों से सम्बंधित हैं
Image Credit: my-lord.inसबसे अधिक शत्रु सम्पत्ति उत्तर प्रदेश (6255 सम्पत्ति) के पास है, इसके बाद शामिल हैं अन्य राज्य - पश्चिम बंगाल (4088 सम्पत्ति), दिल्ली (659 सम्पत्ति), गोवा (295 सम्पत्ति), महाराष्ट्र (208 सम्पत्ति), तेलंगाना (158 सम्पत्ति) और गुजरात (151 सम्पत्ति)
Image Credit: my-lord.inवर्ष 2017 में संसद ने शत्रु संपत्ति (संशोधन और सत्यापन) विधेयक, 2016 (The Enemy Property (Amendment and Validation) Bill, २०१६) पारित किया, जिसमें शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 और सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत व्यवसायियों का निष्कासन) अधिनियम, 1971 में संशोधन किया गया
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